भोपाल 16 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदी) की पेंशन पर रोक नहीं होगी, बल्कि भौतिक सत्यापन (फिजिकल वैरिफिकेशन) के बाद उन्हें पेंशन दी जाएगी। यह आदेश सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव धरणेंद्र जैन ने जारी किए है।
राज्य में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद सरकार ने मीसाबंदी पेंशन बंद करने का ऐलान किया, लेकिन मामले के तूल पकड़ने पर सरकार बैकफुट पर आ गई। अब सरकार की ओर से कहा गया है कि मीसाबंदियों का फिजिकल वेरिफिकेशन किए जाने के बाद पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
आधिकारिक तौर मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि लोकतंत्र सेनानी एवं दिवंगत सेनानी के आश्रित को भौतिक सत्यापन कार्यवाही स्थल पर जाकर कराना हेागा, यह कार्यवाही राजस्व निरीक्षक स्तर के अधिकारियों के द्वारा किया जाएगा।
आदेश में आगे कहा गया है कि मीसाबंदी के सत्यापन के लिए स्थानीय लोगों से पूछताछ की जाएगी। सत्यापन के बाद ही लोकतंत्र सेनानी और उसके आश्रित को सम्मान निधि का वितरण किया जाएगा।
सम्मान निधि बंद किए जाने का सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने स्वागत किया था और कहा था कि मीसाबंदी तो आरोपी थे, उन्हें पेंशन किस बात की, इस पेंशन से सरकार पर बोझ भी पड़ रहा था।
मीसाबंदियों के विरोधी रुख को देख सरकार ने यूटर्न लेते हुए कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को दी जा रही सम्मान-निधि के भुगतान की वर्तमान प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया जाएगा, तब तक इस पेंशन के भुगतान पर रोक लगाई गई है।
अब सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि पेंशन मिलेगी, लेकिन फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद।
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