भोपाल, 4 मई (आईएएनएस) कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों के क्रम में महाराष्ट्र और गुजरात से आने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों को मध्यप्रदेश की सीमा पर रोके जाने से तनाव के हालात बन रहे हैं। बड़वानी में तो लोग प्रदर्शन और पथराव भी कर चुके हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्यों के बीच आपसी समन्वय पर जोर दिया है।
देश में जारी लॉकडाउन को तीसरी बार दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। अब दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए विशेष ट्रेन तक चलाई जा रही हैं, वहीं बसों का सहारा भी राज्य सरकारें ले रही हैं, मगर बड़ी संख्या में मजदूर अपने वाहनों और पैदल ही गांव की वापसी के लिए निकल पड़े हैं।
मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले की गुजरात से और बड़वानी की महाराष्ट्र से सीमा लगी हुई है। इन दोनों ही राज्यों से बड़ी संख्या में मजदूर आ रहे हैं और यह मजदूर मध्यप्रदेश के अलावा दीगर राज्यों के हैं। मध्यप्रदेश के मजदूरों को तो स्क्रीनिंग के बाद राज्य के अनेक स्थानों पर भेजा जा रहा है, मगर अन्य राज्यों के मजदूरों को सीमा पर ही रोका जा रहा है, इसके चलते झाबुआ और बड़वानी दोनों ही स्थानों पर तनाव की स्थिति है। वाहनों की लंबी कतारें भी लगी हैं।
महाराष्ट्र से आने वाले दूसरे राज्यों को मजदूरों को जब बड़वानी के सेंधवा में रोका गया तो मजदूरों ने रविवार को चक्का जाम और हंगामा कर दिया। साथ ही पथराव भी किया। इसमें कई वाहनों क्षतिग्रस्त हुए तो पुलिसकर्मियों को चोटें भी आईं।
इसी तरह गुजरात की ओर से आ रहे मजदूरों को झाबुआ की सीमा पर रोका गया है। यहां के जिलाधिकारी प्रबल सिपाहा ने संवाददाताओं को बताया है कि “गुजरात से उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे मजदूरों को रोकने का दूरभाष पर निर्देश मिला है। इसी आधार पर मजदूरों को यहां रोका गया है।” वहीं, दतिया जिले की सीमा पर भी मजदूरों को रोके जाने की बात सामने आ रही है।
राज्य की भाजपा इकाई की टास्क फोर्स की बैठक में भी राज्यों के बीच समन्वय का मुद्दा उठा। रविवार को पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ज़े पी़ नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी़ एल़ संतोष के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान राज्यों की सीमा पर मजदूरों के आवागमन की समस्या के निदान का अनुरोध किया। विशेषकर उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर दोनों राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत पर जोर दिया गया।
भाजपा के आधिकारिक बयान में बताया गया है कि राज्य की टास्क फोर्स की बैठक में भी मजदूरों का विषय प्रमुखता से उठाया गया था। कहा गया कि दूरस्थ राज्यों से मध्यप्रदेश होकर उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के लिये जाने वाले मजदूरों को सीमा पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि और बेहतर समन्वय हो जाएगा तो समय सीमा के भीतर मजदूरों की जांच और परिवहन को सुगम बनाया जा सकेगा।
कांग्रेस मजदूरों को संबंधित राज्य द्वारा न लिए जाने के कदम पर भाजपा पर हमला कर रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि देश के नागरिक को ही प्रवासी कहा जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उसे रोका जा रहा है। यह बंटवारे की राजनीति है। भाजपा बात तो एकता और अखंडता की करती है, मगर कोरोना के नाम पर वह बंटवारे की मुहिम चला रही है, तभी तो एक राज्य उत्तर प्रदेश मजदूरों को अपने यहां प्रवेश नहीं करने दे रहा है। उसी के चलते मध्यप्रदेश की तीन सीमाओं पर मजदूरों को रोका गया है।
–आईएएनएस
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