मप्र में भाजपा ने शुरू की उप-चुनाव के लिए कदमताल

Follow न्यूज्ड On  

भोपाल, 17 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में आगामी समय में 24 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होने वाले हैं और यह उप-चुनाव सियासी तौर पर तौर अहम हैं ही, साथ में सरकार के भविष्य का फैसला करने वाले भी होंगे। यही कारण है कि भाजपा ने उप-चुनाव के लिए अभी से कदमताल तेज कर दी है।

राज्य में डेढ़ दशक तक भाजपा सत्ता में रही मगर दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। लगभग 15 माह तक सत्ता से बाहर रहने के बाद भाजपा एक बार फिर सत्ता में आई है। कांग्रेस के 22 नेताओं ने बगावत कर कमलनाथ सरकार को सत्ता से बाहर किया और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में भाजपा का दामन थाना।

राज्य में बदले सियासी समीकरणों के बीच आगामी समय में कुल 24 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने वाले है। इनमें 22 तत्कालीन विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया, वहीं दो विधायकों का निधन होने के कारण कुल 24 विधानसभा क्षेत्र रिक्त हुए है। इन क्षेत्रों में चुनाव कब होगा इसकी तारीखों का ऐलान तो नहीं हुआ है मगर संभावना यही है कि सितंबर में उप चुनाव हो सकते हैं।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने उन 22 लोगों को उम्मीदवार बनाने का वादा किया है जो कांग्रेस छोड़कर आए हैं। इसके चलते भाजपा के उन नेताओं में अपने भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है जो पिछला चुनाव हारे थे। यही कारण है कि देवास के हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने वाले पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने आक्रामक तेवर दिखाए तो संगठन ने उन्हे तलब कर लिया। बाद में उनके तेवर नरम पड़ गए है। इसी तरह की बातें अन्य क्षेत्रों से भी सामने आ रही है। दीपक जोशी पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र है।

सूत्रों के अनुसार आगामी विधानसभा के उप चुनाव के लेकर हाल ही में पार्टी में आए पूर्व मंत्री सिंधिया से लगातार संवाद किया जा रहा है। वहीं उनके समर्थकों को शिवराज मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की बात भी चल रही है। इसके अलावा जिन स्थानों पर चुनाव होने वाले हैं, वहां के कार्यकर्ताओं को खास तौर पर मिशन मोड में लाया जा रहा है।

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताओं के कारण पार्टी के अंदर संभावित खींचतान को प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा नकारते है।

उनका कहना है , “यह किसी परिवार का दल नहीं है बल्कि भाजपा परिवार है। नए लोग आए है जिससे परिवार और मजबूत हुआ है। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ सिर्फ छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री बनकर रह गए थे। मिस्टर बंटाढार प्रदेश को चला रहे थे। इनकी छाया से बचाने के लिए 22 लोगों ने त्याग किया है। भाजपा में बूथ स्तर का कार्यकर्ता हमेशा चुनाव जिताता रहा है और आगामी 24 विधानसभा क्षेत्रों में भी हमारी जीत होगी।”

राजनीतिक विश्लेषक अनुराग पटेरिया का मानना है कि ‘आगामी समय के उप चुनाव राज्य की सियासत में इस काल खंड के लिए निर्णायक लड़ाई साबित होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इन चुनावों के नतीजों से भाजपा और कांग्रेस दोनों का भविष्य निर्भर हैं। 24 विधानसभा क्षेत्रों में जो दल ज्यादा स्थानों पर जीत दर्ज करेगा उसके सत्ता ज्यादा नजदीक होगी। वर्तमान में भाजपा सत्ता में है मगर इन चुनाव के नतीजों पर ही उसका भविष्य निर्भर है। इसलिए भाजपा पूरा जोर लगाएगी।’

विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो इस समय भाजपा के पास 107 और कांग्रेस के 92 विधायक है। इसके अलावा सात निर्दलीय, बसपा व सपा के विधायक है। पूर्ण बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरुरत है क्योंकि विधानसभा की सदस्य संख्या 230 है।

–आईएएनएस

Share

Recent Posts

जीआईटीएम गुरुग्राम ने उत्तर भारत में शीर्ष प्लेसमेंट अवार्ड अपने नाम किया

नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…

March 19, 2024

बिहार के नींव डालने वाले महापुरुषों के विचारों पर चल कर पुनर्स्थापित होगा मगध साम्राज्य।

इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…

March 12, 2024

BPSC : शिक्षक भर्ती का आवेदन अब 19 तक, बिहार लोक सेवा आयोग ने 22 तक का दिया विकल्प

अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

July 17, 2023

जियो ने दिल्ली के बाद नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ट्रू5जी सर्विस शुरु की

पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना

November 18, 2022

KBC 14: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कौन थे, जिन्होंने इंग्लैंड में भारत को अंतिम बार एक टेस्ट सीरीज जिताया था?

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…

September 23, 2022