भोपाल | मध्य प्रदेश मे सिंथेटिक दूध और उसके उत्पाद तैयार करने वाले मिलावटखोरों के खिलाफ राज्य में कार्रवाई का दौर जारी है। मिलावटखोरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं, थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। साथ ही सरकार ने मिलावटखोरों की सूचना देने वाले को 11 रुपये इनाम देने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि राज्य के ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंथेटिक दूध और उसके उत्पादों का मामला सामने आने के बाद सरकार सख्त हुई है। उसके बाद से ऐसे मिलावटखोरों के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान शुरू किया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक रविन्द्र सिंह ने गुरुवार तक की कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए बताया, “20 जुलाई से मिलावटखोरों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में विभिन्न खाद्य पदार्थो के 1468 नमूने लिए गए हैं। राज्य खाद्य प्रयोगशाला द्वारा नमूनों का विश्लेषण किया जा रहा है। प्रयोगशाला में 413 नमूने विश्लेषण की प्रक्रिया में हैं। 40 नमूनों की जांच पूरी हो चुकी है, जिनमें से 20 नमूने मानक और 20 अमानक पाए गए हैं। वहीं सात मिलावटखोर कारोबारियों के खिलाफ थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।”
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राज्य सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई तक करने का ऐलान किया था। इसकी शुरुआत उज्जैन से हुई है। श्रीष्ण उद्योग में छापेमारी के दौरान खाद्य अधिकारियों ने मिलावटी घी का निर्माण एवं पैकिंग करना पाया था। इस पर कलेक्टर (जिलाधिकारी) शषांक मिश्रा ने कीर्तिवर्धन केलकर के विरुद्घ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 के अन्तर्गत कार्रवाई किए जाने का आदेश जारी किया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने शुक्रवार को कहा है, “कमलनाथ की सरकार मिलावटखोरों को नहीं बख्शेगी। ऐसे लोगों की सिर्फ एक ही जगह है और वह है जेल। मिलावटखोरों की भलाई इसी में है कि वे मिलावट का कारोबार छोड़ दें अथवा राज्य छोड़ दें। मिलावटखोरों की सूचना देने वाले को 11 हजार रुपये इनाम दिया जाएगा, साथ ही उसका नाम गुप्त रखा जाएगा।”
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वहीं राज्य के गृहमंत्री बाला बच्चन ने बताया, “पुलिस द्वारा गठित स्पेशल टॉस्क फोर्स भी दूध के मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाए हुए है। चंबल क्षेत्र के अलावा महाकौशल, मालवा और विंध्य क्षेत्र से भी सिंथेटिक दूध, मावा और पनीर बनाने की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर ही कठोर कार्रवाई की गई है।”
मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का हवाला देते हुए बच्चन ने कहा, “उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल की तरह मध्यप्रदेश में भी मिलावट खोरी से संबंधित कानून में संशोधन के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके बाद मिलावटखोरों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया जा सकेगा। प्रदेश में मिलावटखोरों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके, इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में पुलिस उपाधीक्षक और उससे वरिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारियों को मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।”
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This post was last modified on August 2, 2019 5:42 PM
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