भोपाल, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव के कई क्षेत्रों में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बनने लगे हैं, क्योंकि बहुजन समाज पार्टी ने अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं।
राज्य के 28 विधानसभा क्षेत्रों में तीन नवंबर को उप-चुनाव के लिए मतदान होना है और नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। कांग्रेस 24 क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, वहीं भाजपा के उम्मीदवारों का आधिकारिक ऐलान बाकी है तो बहुजन समाज पार्टी ने 18 उम्मीदवारों की दो सूची जारी कर चुकी है।
राज्य के जिन 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होने वाले हैं उनमें से 16 सीटें ग्वालियर चंबल इलाके से आती हैं। यह ऐसा क्षेत्र है जहां बसपा का अपना वोट बैंक है। इस इलाके की नौ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां बसपा के उम्मीदवार पहले जीत चुके हैं। इनमें मेहगांव, करैरा, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भांडेर व अशोकनगर शामिल है। पिछले विधानसभा क्षेत्रों में भी इन इलाकों में बसपा को काफी वोट मिले थे।
इस अंचल की राजनीति का अंदाजा आरक्षण को लेकर वर्ष 2018 में भड़की हिंसा से लगाया जा सकता है। प्रदेश में लगभग 16 फीसदी अनुसूचित जाति की आबादी है और इसमें सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल इलाके से आती है। यही कारण है कि यह इलाका ऐसा है जिसे बसपा अपना गढ़ मानती है।
वैसे बसपा ने अब से पहले उप-चुनाव लड़ने में कभी भी दिलचस्पी नहीं दिखाई, मगर इस बार वह पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। उसकी वजह कांग्रेस द्वारा बसपा में सेंध लगाना माना जा रहा हैं। कांग्रेस ने अब तक जिन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है, उनमें कई नेता ऐसे है जो बसपा के प्रमुख स्तंभ रहे है या उन्होंने बसपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा है। इनमें फूल सिंह बरैया, सत्यप्रकाश संखवार, प्रागी लाल जाटव, रविंद तोमर प्रमुख हैं।
बसपा के नेता यही मानकर चल रहे हैं कि इस उप-चुनाव से उनकी ताकत और मजबूत हेागी, क्योंकि वे यह चुनाव पूरी ताकत और क्षमता से लड़ने वाले हैं। साथ ही भाजपा और कांग्रेस ने बहुजन वर्ग की उपेक्षा की है, यह वर्ग देानों राजनीतिक दलों से नाराज है।
राजनीतिक विश्लेषक देव श्रीमाली का मानना है कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की एक तिहाई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। यह त्रिकोणीय मुकाबला बसपा के कारण नहीं बल्कि उम्मीदवार की जाति, संगठन क्षमता के कारण होगा। वैसे इस क्षेत्र में बसपा की ताकत लगातार कम हुई है, पिछले विधानसभा के दो चुनाव के आंकड़े यही बताते हैं।
–आईएएनएस
एसएनपी-एसकेपी
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…