इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) में इस्तेमाल होने वाले मसाले (विशेष रूप से दालचीनी और मेंथॉल) हृदय संबंधी रोगों (सीवीडी) के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। एक शोध में यह बात सामने आई है।
अनुसंधान टीम ने एंडोथेलियल कोशिकाओं पर ई-तरल पदार्थों के प्रभाव की जांच की, जो रक्त वाहिकाओं के आंतरिक भाग को दर्शाती हैं।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका में प्रकाशित हुए अध्ययन में यह बात सामने आई कि ई-तरल पदार्थ रक्त के संपर्क में आने के बाद एंडोथेलियल कोशिकाएं में डीएनए को क्षति पहुंचाता है और कोशिका को मारने वाले निहित अणुओं के प्रदर्शन में काफी वृद्धि करता है। इसके लिए ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं के रक्त के नमूने लिए गए।
शोधकर्ताओं ने कहा, निकोटीन न रहने के बाद भी मनपसंद स्वादों के लिए दालचीनी और मेंथॉल का इस्तेमाल किया जाता है जो बेहद हानिकारक है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोसेफ वू ने कहा, “यह अध्ययन स्पष्ट रूप से दिखाता है कि ई-सिगरेट पारंपरिक सिगरेट का सुरक्षित विकल्प नहीं है।”
अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने छह अलग-अलग लोकप्रिय ई-तरल स्वादों के प्रभाव की जांच की, जिनमें फल, तंबाकू, कारमेल और वनिला के साथ मीठा तंबाकू, मीठा बटरस्कॉच, दालचीनी और मेंथॉल शामिल है।
वू ने कहा, “जब हमने निकोटीन के अलग-अलग स्तरों के साथ ई-तरल के छह अलग-अलग स्वादों को कोशिकाओं को उजागर किया, तो हमने महत्वपूर्ण नुकसान देखा। कोशिकाएं पारंपरिक रूप में कम व्यवहार्य थीं, और उन्होंने शिथिलता के कई लक्षणों का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।”
This post was last modified on May 28, 2019 5:28 PM
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