पटना, 22 जून (आईएएनएस)| बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित जिस श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से पीड़ित 108 बच्चों की मौत हुई है और 100 से ज्यादा बच्चों का उपचार चल रहा है, उसके पीछे कई मानव कंकालों के अवशेष मिले हैं। शनिवार को इसकी जांच के आदेश दिए गए। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने मीडिया से कहा कि अस्पताल परिसर में कुछ लोगों ने मानव कंकालों के विकृत हिस्से और टूटी खोपड़ी देखी है। उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बरामद हुई चीजों की जांच करवाने और उन्हें रिपोर्ट सौंपने को कहा है। घोष ने कहा, “एक टीम ने उस जगह का दौरा किया है, जहां मानव कंकाल और हड्डियां मिली हैं। वह जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी।”
एक वरिष्ठ जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि उन्हें काफी दिनों पहले खबरें मिली थीं कि लावारिश शवों का पोस्टमार्टम के बाद दाह-संस्कार नहीं किया जाता, बल्कि अस्पताल के पीछे झाड़ियों में फेंक दिया जाता है। मानव कंकाल के जो हिस्से मिले हैं, उसका संबंध उन खबरों से हो सकता है।
हालांकि, अहियारपुर पुलिस थाने के प्रभारी सोना प्रसाद सिंह ने कहा कि वह पुलिस जांच होने के बाद ही इस पर कोई टिप्पणी कर पाएंगे। उन्होंने कहा, “सवाल उठता है कि लावारिश शवों का दाह-संस्कार कैसे और क्यों नहीं किया गया या अधजला ही छोड़ दिया गया।”
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