लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की करारी हार के बाद पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने बेटे अखिलेश (Akhilesh Yadav) और भाई शिवपाल (Shivpal Yadav) के बीच सुलह कराने की एक बार फिर कोशिश की। पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मतभेद दूर करने के लिए पिछले कुछ दिन में मुलायम ने अखिलेश से, शिवपाल से और पूरे कुनबे से मुलाकात की है। ये मुलाकातें दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सैफई में हुईं हैं।
हालांकि, मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की कोशिशें अभी कामयाब होती नहीं दिख रही हैं। सूत्रों की मानें तो शिवपाल ने अपनी ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी’ का सपा में विलय करने से इनकार कर दिया है। शिवपाल पिछले साल सपा से अलग हो गए थे और उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली थी। उन्होंने कुनबे में फूट के लिए चचेरे भाई एवं पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव को जिम्मेदार ठहराया था।
सूत्रों ने बताया कि शिवपाल को उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं है। भाजपा के 9 और सपा, बसपा से एक-एक विधायक लोकसभा चुनाव जीत गए हैं। इससे 11 सीटें खाली हुईं हैं। वहीं हत्या के मामले में भाजपा के एक विधायक के दोषी पाए जाने के बाद उसे अयोग्य ठहराए जाने से एक सीट रिक्त हुई है। बताया जा रहा है कि मुलायम ने अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) और शिवपाल (Shivpal Yadav) दोनों को समझाया है कि अगर परिवार एक नहीं हुआ तो भविष्य में इसके और बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
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