मुरैना शराब कांड में कांग्रेस की भाजपा को घेरने की कोशिश

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भोपाल/मुरैना, 14 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार तमाम माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने का दावा कर रही है, इसी बीच मुरैना जिले में जहारीली शराब के सेवन से 24 लोगों की मौत के मामले ने कांग्रेस को भाजपा और प्रदेश सरकार पर हमला बोलने का मौका दे दिया है। वहीं भाजपा और सरकार दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का दावा कर रही है।

मुरैना जिले के छैरा और मानपुर गांव में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत होने का दौर जारी है। अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने इस पर सख्त रवैया अपनाते हुए कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को हटा दिया है, वहीं आबकारी अधिकारी के अलावा थाना प्रभारी सहित कुल छह लोगों को निलंबित किया गया है।

इसके साथ ही सरकार ने विशेष जांच दल बनाया है जो मौके पर पहुंचा है। वह हालात की जांच कर रहा है और सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि, ऐसी घटना पर मैं मूकदर्शक नहीं रह सकता। ड्रग माफिया के विरुद्ध सख्त अभियान जारी रहे। पूरे प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ अभियान चले। अवैध शराब बिक्री पर पूरा नियंत्रण हो। ऐसा व्यापार करने वालों को ध्वस्त किया जाए।

वहीं कांग्रेस लगातार सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस ने सरकार के माफिया विरोधी अभियान को महज दिखावटी बताया। कांग्रेस के विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर व अजब सिंह कुशवाह प्रभावितों के गांव पहुंचे और परिवारों से मिले।

पूर्व मंत्री राठौर ने मुख्यमंत्री और सरकार के किसी भी मंत्री के अब तक घटनास्थल पर न जाने पर बड़ा आश्चर्य व्यक्त किया और कहा की इस हृदय विदारक घटना के वक्त हम लोगों को पक्ष और विपक्ष भूल कर मरने वालों के दुख में भागीदार बनना जरूरी है।

राठौर ने इस घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की मांग करते हुए कहा कि, उसमें एक रिटायर्ड हाई कोर्ट जज का होना आवश्यक है तथा यह पूरी जांच उच्च न्यायालय के निर्देशन में होनी चाहिए, जिससे पीड़ितों के साथ उनके परिवार वालों को उचित न्याय मिल सके।

विभिन्न स्थानों पर हुए हादसों का जिक्र करते हुए राठौर ने कहा कि, बीते आठ माह में 50 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीने से काल के गाल में समा गए, इससे पहले देवास, उज्जैन और रतलाम में हादसे हुए और सरकार ने जांच समितियां गठित की, लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि न किसी दोषी पर कार्रवाई हुई और न ही पीड़ितों को न्याय मिला। इतना ही नहीं इस तरह की घटनाओं में कमी आना तो दूर बल्कि निरंतर इस तरह की घटनाओं में पुनरावृत्ति हो रही है।

पूर्व मंत्री राठौर ने हादसे का शिकार बने 24 लोगों के परिवार वालों को तुरंत 25-25 लाख मुआवजा दिए जाने एवं उनके परिवार में किसी भी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।

–आईएएनएस

एसएनपी/एएनएम

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