कोलकाता, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)| राज्य विधानसभा के स्थगन को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि वह ‘न तो रबर स्टैंप हैं और न ही पोस्ट ऑफिस हैं’ और संविधान के तहत विधेयकों की जांच करने के लिए बाध्य हैं। राज्यपाल की यह टिप्पणी उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए आई है। इससे एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सदस्यों के समक्ष रखे जाने वाले विधेयकों को धनखड़ की मंजूरी नहीं मिलने की बात कहते हुए सदन को दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया।
विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा के बाद कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राजभवन ने राज्यपाल की तरफ से किसी तरह की देरी से इनकार किया और कहा कि विधेयकों का लंबित होना संबंधित विभागों के ‘इनपुट या प्रतिक्रिया के कमी’ के कारण है।
धनखड़ ने कहा, “मंजूरी में देरी के लिए सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी है, जो बहाने खोजने व छिपाने का कार्य करती है।”
इसी क्रम में धनखड़ ने बुधवार को सरकार की तरफ से देरी को लेकर चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा, “राज्यपाल के तौर पर मैं संविधान का पालन करता हूं और आंख मूंदकर फैसला नहीं ले सकता। मैं न तो रबर स्टैंप हूं और न ही पोस्ट ऑफिस। मैं संविधान के आलोक में विधेयकों की जांच करने को बाध्य हूं और बिना देरी के कार्य करता हूं।”
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