नागरिकता विधेयक के विरोध में पद्मश्री लौटाएंगे मणिपुरी फिल्मकार

Follow न्यूज्ड On  

 नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मणिपुरी फिल्म निर्माता अरिबम श्याम शर्मा ने रविवार को पद्मश्री सम्मान लौटाने की घोषणा की।

 उन्होंने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान को लौटाने का निर्णय नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के विरोध में लिया है। शर्मा को 15 बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “यह विधेयक पूर्वोत्तर और मणिपुर के स्थानीय लोगों के खिलाफ है। यहां (मणिपुर) कई लोगों ने इस विधेयक का विरोध किया है, लेकिन लग रहा है कि वे (केंद्र सरकार) इसे पारित करने का निश्चय कर चुके हैं।”

उन्होंने कहा, “पद्मश्री एक सम्मान है। यह भारत में सबसे बड़े सम्मानों में से एक है। इसलिए मुझे विरोध प्रदर्शन के लिए इसे वापस करने से बेहतर और कोई तरीका नहीं लगा।”

‘इशानाओ’, ‘इमाजी निंग्थेम’ और ‘लीपक्लेई’ जैसी फिल्में बना चुके फिल्मकार को 2006 में पद्मश्री सम्मान दिया गया था।

लोकसभा में आठ जनवरी को पारित हुए विधेयक के कारण पूर्वोत्तर राज्यों में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

इस विधेयक के तहत नागरिकता अधिनियम 1955 को संशोधित करने की बात की गई है, जिसके तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आकर बसे हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैनों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

पूर्वोत्तर छात्रसंघ (एनईएसओ) के सचिव एस. प्रकाश ने पिछले महीने संगठन के एक दल के साथ मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह से मुलाकात की थी। उसके बाद उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि मणिपुर सरकार ने तबतक इस विधेयक का विरोध करेगी, जबतक क्षेत्र के स्थानीय लोगों की रक्षा के लिए उसमें धारा न जोड़ दी जाए।

80 वर्षीय फिल्म निर्माता ने कहा, “मुख्यमंत्री सिर्फ एक धारा की बात कर रहे हैं। उन्हें विधेयक का विरोध करना चाहिए और उसमें कुछ जोड़ने या बदलाव करने के लिए नहीं कहना चाहिए। हम बिरेन और उनकी पार्टी की सोच से खुश नहीं हैं।”

उन्होंने कहा, “घाटी (मणिपुर में) के लोगों की कोई सुरक्षा नहीं है। अगर और ज्यादा लोग आएंगे तो वे (स्थानीय लोग) घाटी या पहाड़ियों में लुप्त हो जाएंगे। जब स्थानीय लोग ही नहीं रहेंगे, तो संस्कृति बचाने की बात कहां से रह गई? मणिपुर का पूरा भविष्य मिश्रित हो जाएगा। पूर्वोत्तर अब कूड़ाघर बन रहा है।”

Share

Recent Posts

जीआईटीएम गुरुग्राम ने उत्तर भारत में शीर्ष प्लेसमेंट अवार्ड अपने नाम किया

नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…

March 19, 2024

बिहार के नींव डालने वाले महापुरुषों के विचारों पर चल कर पुनर्स्थापित होगा मगध साम्राज्य।

इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…

March 12, 2024

BPSC : शिक्षक भर्ती का आवेदन अब 19 तक, बिहार लोक सेवा आयोग ने 22 तक का दिया विकल्प

अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

July 17, 2023

जियो ने दिल्ली के बाद नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ट्रू5जी सर्विस शुरु की

पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना

November 18, 2022

KBC 14: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कौन थे, जिन्होंने इंग्लैंड में भारत को अंतिम बार एक टेस्ट सीरीज जिताया था?

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…

September 23, 2022