बीजिंग, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। छिंगहाई प्रांत के य्वीशू तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्च र की नांगछ्येन काउंटी में नांगछ्येन संस्कृति प्रचूर है। चीन में राष्ट्र स्तरीय गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासत के रूप में तिब्बती नृत्य ‘च्वोकनमा’ का इतिहास 8 सौ साल से अधिक पुराना है।
च्वोकनमा मुख्य तौर पर ‘गुणगान’ और ‘नृत्य’ जोड़ने के माध्यम से तिब्बती लोगों के पशुपालन, कृषि उत्पादन और शिकार करना जैसे जीवन ²श्य दिखाया जाता है। नर्तक गाते हुए नाचते हैं। वे कभी-कभी वाद्ययंत्र के बगैर गाते हैं और कभी-कभी वाद्य यंत्र के साथ गाते हैं। आम तौर पर बांसुरी, हूछिन एकतारा और ढोल का प्रयोग किया जाता है।
बूजाशी नांगछ्येन काउंटी में पाईजा गांव के नेता हैं। अपना सरकारी कार्य करने के साथ-साथ वे एक अतिरिक्त काम भी करते हैं, यानी कि च्वोकनमा नृत्य का विरासत के रूप में लेते हुए उसका आगे विकास करना। 8 साल की उम्र से ही वे च्वोकनमा नृत्य सीखने लगे और 23 साल की आयु में च्वोकनमा के उत्तराधिकार वाले रास्ते पर आगे बढ़े।
सन 1980 में बूजाशी ने गांववासियों को एकत्र कर च्वोकनमा प्राचीन नृत्य सिखाना शुरू किया। इधर के सालों में वे स्थानीय सांस्कृतिक निर्माण में जुटे हैं। उन्होंने गांववासियों का नेतृत्व कर कई सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया। उनके नृत्यों को लोगों की वाहवाही मिली। कई सालों के प्रयास से स्थानीय नांगछ्येन च्वोकनमा नृत्य का विरासत के रूप में लेते हुए आगे विकास किया जा रहा है।
(साभार– चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
— आईएएनएस
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