नासा के स्पेशल ओवन में पहली बार स्पेस स्टेशन में बनाए जाएंगे बिस्किट, जानें खास बातें

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क्या पहले किसी ने कभी सोचा होगा की वैज्ञानिक खोजों के लिए इस्तेमाल होने वाले अंतरिक्ष स्टेशन पर फ्रेश बिस्किट भी बनाए जा सकते हैं। शायद नहीं, लेकिन हैरान मत होइए अब ये बात सच होने जा रही है। अब अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन में बने फ्रेश बिस्किट भी खा सकेंगे। इसके लिए एक स्पेशल ओवन भी अंतरिक्ष में भेजा गया है।

अगर आपको चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रॉन्ग की बात याद हो तो उन्होंने कहा था कि, यह मनुष्य के लिए भले ही छोटा कदम हो, लेकिन मानव जाति के लिए विशाल छलांग है।

बस तो देख लीजिए मानव ने अपने दिमाग का इस्तेमाल कर क्या- क्या नया अविष्कार कर दिया है। अब अंतरिक्ष में बिस्किट बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। एक स्पेशल ओवन स्पेस स्टेशन पर भेजा जा चुका है। अंतरिक्ष यात्री अब तक अपने साथ डीहाइड्रेटेड या पका हुआ भोजन ले जाते थे। अब एस्ट्रोनॉट्स ताजे बिस्किट का आनंद ले सकेंगे। अंतरिक्ष यात्री 2019 खत्म होने से पहले स्पेस में बने बिस्किट खा सकेंगे।

गौरतलब है कि इस ओवन को जीरो जी किचेन और डबलट्री बॉय हिल्टन कंपनी ने मिलकर तैयार किया है। इस ओवन को देखें तो ये एक बेलनाकार कंटेनर जैसा दिखाई देता है। इस डिजाइन को जानकर ऐसा तैयार किया गया है, जिससे माइक्रोग्रेविटी में खाने की चीजों को सेकने में मदद मिल सके। अंतरिक्ष का वातावरण पृथ्वी जैसा बिल्कुल भी नहीं है। स्पेस स्टेशन में पृथ्वी जैसा वातावरण तैयार करने के लिए कृत्रिम वातावरण तैयार बनाया जाता है। यह जानना रोमांचक होगा कि माइक्रोग्रेविटी में बिस्किट कैसे बनाया जाएगा।

आपको बता दें कि, नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो (56) ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह जानना बेहद रोमांचक होगा कि माइक्रोग्रेविटी (करीब शून्य गुरुत्व) में बेकिंग (सेंकने की प्रक्रिया) कैसे काम करती है। इस विशेष ओवन को दो कंपनियों ‘जीरो जी किचेन’ और ‘डबलट्री बॉय हिल्टन’ ने मिलकर इसे बनाया है।

मैसिमिनो ने कहा- इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन में बने बिस्किट खा सकेंगे। एस्ट्रोनॉट्स को बिस्किट घर की याद दिलाएगा। अंतरिक्ष में फ्रेश बिस्किट खाना एक बड़ा बदलाव होगा। मुझे नहीं पता कि कितने कुकीज एक बार में बनेंगे, लेकिन फ्रेश कुकीज की महक बेहद रोमांचक होगी।

उन्होंने कहा कि यह खोज केवल अंतरिक्ष यात्रियों के आनंद के लिए नहीं है। स्पेस खासकर विज्ञान के प्रयोग के लिए है। अभी तक कोई नहीं जानता कि माइक्रोग्रेविटी में इसे कैसे सेंकना है। यह कोई नहीं जानता कि इसका आकार और स्वाद कैसा होगा? यह धरती पर बने कुकीज से ज्यादा गोलाकार भी हो सकता है।

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