नई शिक्षा नीति भारत को बनाएगी शिक्षा का वैश्विक गंतव्य : निशंक

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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। आईआईटी खड़गपुर पूर्व छात्र फाउंडेशन इंडिया ने आईआईटी खड़गपुर के साथ मिलकर एक वेबिनार का आयोजन किया। इसमें आईआईटी खड़गपुर फाउंडेशन यूएसए, पैन आईआईटी इंडिया और पैन आईआईटी यूएसए भी शामिल रहे। वेबिनार का शीर्षक ‘भारत-उच्च शिक्षा हेतु वैश्विक गंतव्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ था।

वेबिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षा का लोकतांत्रीकरण किया है और इसमें दिए गए प्रावधानों से भारत शिक्षा का एक वैश्विक गंतव्य बनेगा।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत और विदेशों के प्रख्यात अकादमिक और उद्योग विशेषज्ञों की इस विद्वत सभा को देखकर बेहद खुशी हुई। सबसे अच्छी बात यह है कि सभी, नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय संकाय और छात्रों के एक केंद्र के रूप में भारत की संभावनाओं पर विचार करने के लिए एकत्रित हुए हैं।”

निशंक ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में हमारी प्रतिभा, गतिशीलता और विभिन्न अकादमिक विषयों में नवीनतम निष्कर्षों, प्रगति के साथ हमारी प्राचीन विरासत की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं को जोड़ने की क्षमता है। इसके माध्यम से न केवल भारत बल्कि अखिल विश्व की शिक्षा प्रणाली के लिए नई दृष्टि तैयार करने की क्षमता है।”

उन्होंने कहा कि, “हमारी 5000 साल प्राचीन संस्कृति शिक्षा प्रणाली, वर्तमान में अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए कोई नई बात नहीं है। पश्चिम में यूनानियों, फारसियों और अरबों से लेकर पूर्व में तिब्बतियों, चीनी, जापानियों तक समस्त विश्व के अनेक विद्वानों ने तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, शारदा और हमारे अन्य प्राचीन विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया है।”

डॉ. निशंक ने कहा कि, “मैं मानता हूं कि हमारे शिक्षण संस्थानों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। फिर भी हम वैश्विक शिक्षा प्रणाली में आए त्वरित परिवर्तनों के दौर में कहीं पिछड़ गए हैं। हमारे अपने देश में समग्र उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त हुआ है, किंतु शिक्षा प्रणाली इससे अछूती रह गई है। इस मामले में आईआईटी और कुछ अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा लाए गए मौलिक परिवर्तनों जैसे कि अंतह शाखाओं में अध्ययन कार्यक्रम, छात्रों को अपनी सर्वश्रेष्ठ नैसर्गिक प्रतिभा के निखारने के लिए प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम, उनके मस्तिष्क को बंधे-बंधाए आजीविका के र्ढे से मुक्त करना या दूसरों की महत्वाकांक्षा के बोझ ढोने से मुक्त होना, औपचारिक शिक्षा से अल्पअवकाश लेना और आईआईटी जैसे संस्थानों में नहीं होने के बावजूद शैक्षिक संसाधनों से सर्वश्रेष्ठ लाभ प्राप्त करना, जैसे प्रावधानों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने अंतत शिक्षा का लोकतांत्रीकरण किया है।”

डॉ. निशंक ने इस दो दिवसीय वेबिनार के आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया। सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “कोरोना महामारी के बाद जब सभी न्यू नार्मल को अपना रहे हैं, ऐसे में भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी संभावनाओं को और विस्तार देती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस वेबिनार से एक सार्थक कार्य योजना का स्वरुप निर्धारित किया जाएगा।”

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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