नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आजाद हिंद फौज की स्थापना करने में सुभाष चंद्र बोस के त्याग को याद करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने रविवार को यहां कहा कि बोस को आजादी के बाद से सात दशकों में वह सम्मान क्यों नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे। शर्मा, लाल किले पर बोल रहे थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजाद हिंद फौज को समर्पित संग्रहालय की आधारशिला रखी।
उन्होंने कहा कि बोस ने विदेशी जमीन पर आजाद हिंद फौज स्थापित कर स्वतंत्रता आंदोलन की चिंगारी जलाई और अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि बोस की जिंदगी साहस, त्याग और सच्चे देशभिक्त का प्रतिनिधित्व है।
शर्मा ने कहा, “लेकिन जिस सम्मान के वह हकदार थे, उन्हें वह क्यों नहीं मिला?”
उन्होंने खेद व्यक्त किया कि 70 सालों बाद भी हम भारत को उनके (बोस) सपने का आकार नहीं दे सके।
शर्मा ने कहा कि बोस के सपने को पूरा करने और उसे वास्तविक बनाने के बीच कोई बाधा नहीं आएगी।
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