New Liquor Policy In UP: नई आबकारी नीति (New Liquor Policy In UP) के मुताबिक, देसी और अंग्रेजी शराब के अलावा बीयर और भांग की फुटकर दुकानों और मॉडल शॉप के लाइसेंस रिन्यू किए जाएंगे। यूपी में अब घरों में तय सीमा से अधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इसे वैयक्तिक होम लाइसेंस का नाम दिया गया है। प्रदेश में कोई भी व्यक्ति हर तरह की तीन-तीन लीटर शराब और बीयर घर में रख सकता है।
अधिकारियों की मानें तो शराब रखने की लिमिट में बदलाव पर भी मंथन चल रहा है। वैयक्तिक होम लाइसेंस के लिए 12 हजार रुपये लाइसेंस फीस और 51 हजार रुपये जमानत राशि के देने होंगे। चंडीगढ़ की तर्ज पर वैयक्तिक होम लाइसेंस की योजना यूपी में लागू की गई है। 2021-22 के लिए मंजूर की गई नई आबकारी नीति में इसका जिक्र किया गया है।
नई नीति के मुताबिक, देसी और अंग्रेजी शराब के अलावा बीयर और भांग की फुटकर दुकानों और मॉडल शॉप के लाइसेंस रिन्यू किए जाएंगे। शराब दुकानों के लाइसेंस रिन्यूअल के लिए अप्रैल से जून, 2020 के त्रैमासिक कोटे को शर्तों में शामिल नहीं किया जाएगा।
जुलाई से मार्च 2021 तक तय कोटा उठाने वाली दुकानों के लाइसेंस रिन्यू होंगे। जबकि बीयर की सभी दुकानों के लाइसेंस अगले साल के लिए रिन्यू किए जाएंगे। देसी और अंग्रेजी शराब की फुटकर दुकानों के साथ मॉडल शॉप की लाइसेंस फीस में महज 7.5 फीसदी वृद्धि की गई है।
बीयर दुकानों के लाइसेंस फीस में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इतना ही नहीं यूपी में बीयर की एमआरपी पड़ोसी राज्यों से अधिक होने और कोरोना के कारण बीयर की खपत में कमी को देखते हुए बीयर पर प्रतिफल शुल्क को कम किया गया है। साथ ही बीयर की सेल्फ लाइफ नौ महीने की गई है।
नई आबकारी नीति में पहली बार यूपी में अनाज (चावल, गेहूं, बाजरा, मक्का) से देसी शराब बनाने की अनुमति प्रदान की गई है। नीति के मुताबिक, ग्रेन ईएनए से बनी उच्च गुणवत्ता वाली यूपी मेड देसी शराब टेट्रा पैक में बिक्री के लिए लाइसेंसी दुकानों पर मुहैया करवाई जाएगी। एक टेट्रा पैक की कीमत अधिकतम 85 रुपये होगी।
देसी शराब के अधिकतम फुटकर मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की गई है। प्रदेश में पैदा होने वाले फलों से शराब बनाने को प्रोत्साहन दिया गया है। तय किया गया है कि फलों से बनी शराब को पांच साल के लिए प्रतिफल शुल्क से मुक्त रखा जाएगा। साथ ही विंटनरी अपने परिसर में स्थानीय उत्पादित वाइन की फुटकर बिक्री कर सकेगी। विंटनरी परिसर में एक ‘वाइन टैवर्न’ की स्थापना होगी, जहां वाइन को पसंद करने वालों को उसकी टेस्टिंग की अनुमति होगी।
2021-22 के लिए राजस्व वसूली का लक्ष्य 34,500 करोड़ रुपये तय किया गया है, जो पिछले वर्ष से करीब 3000 करोड़ कम है।
सभी फुटकर दुकानों पर पीओएस मशीनों की व्यवस्था लागू की गई है।
90 मिलीमीटर की बोतलों में विदेशी शराब की बिक्री रेग्युलर श्रेणी में मान्य की गई।
पहले शराब के ब्रांड और लेबल का हर वर्ष नवीनीकरण कराना अनिवार्य था, अब उसे एक साथ 3 साल फीस देकर हासिल किया जा सकेगा। अन्य प्रक्रियाओं को भी आसान किया गया है।
– नई नीति के तहत पिछले स्टॉक को अगले वर्ष के लिए रोल ओवर प्रक्रिया में छूट दी गई है। इसके लिए फीस नहीं देनी होगी। पिछले सत्र का बचा माल अगले वित्तीय वर्ष के पहले सप्ताह तक छूट बिक सकेगा।
– दूसरे जिलों की सीमा पर दोनों जिलों की अनुमति के बिना फुटकर दुकानों का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।
– देशी-विदेशी शराबों की दुकान के लाइसेंस फीस में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
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