नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट 2020 परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। नीट का रिजल्ट एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया गया है। रिजल्ट के साथ एनटीए ने फाइनल प्रश्नोत्तर भी जारी कर दिए हैं। इस परीक्षा में उड़ीसा के शोएब आफताब ने 720 में से 720 अंक लाकर टॉप किया है।
100 प्रतशित अंक पाने वाले शोएब के परजिन अपने बेटे की मेहनत और जज्बे से बहुत खुश हैं। फिलहाल टॉपर की लिस्ट अभी एनटीए की ओर से औपचारिक रूप से जारी होना बाकी है।
इस परीक्षा के लिए कुल 15.97 लाख उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इनमें से लगभग 90 फीसदी परीक्षार्थियों ने एग्जाम दिया था। इस साल करीब 14.37 लाख से अधिक उम्मीदवार कोरोना महामारी के बावजूद 13 सितंबर को प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे। कंटेनमेंट जोन में होने के चलते जो छात्र परीक्षा नहीं दे पाए थे, उनके लिए 14 अक्टूबर को फिर से परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसलिए रिजल्ट में थोड़ी देरी हुई। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों को देश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में संचालित एमबीबीएस व बीडीएस कोर्सेज में एडमिशन मिलेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने नीट के रिजल्ट के बाद खुशी जताई है और कहा, “विद्यार्थियों के करियर की प्रगति एवं बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए इन परीक्षाओं का आयोजन बेहद जरूरी था।”
गौरतलब है कि तमाम विरोध के वाबजूद भी शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नीट का आयोजन करवाया। विपक्ष ने इसपर राजनीति भी शुरू कर दी थी, लेकिन तमाम विरोधों की परवाह किए बगैर नीट का आयोजन करवाया गया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा, “वैश्विक आपदा कोविड-19 के कारण संपूर्ण विश्व का शैक्षिक एवं अकादमिक जगत व्यापक रूप से प्रभावित हो रहा था। वर्तमान हालात में शीघ्र ही हमें इस बीमारी से निजात मिलती हुई भी दिखाई नहीं दे रही थी। ऐसे में छात्रो के बेहतर भविष्य के लिए इन परीक्षाओं का आयोजन करवाना जरुरी था।”
निशंक ने एनटीए को परीक्षा के बेहतर संचालन को लेकर बधाई दी है। उन्होंने कहा, “सभी लोगों के कठिन परिश्रम के चलते परीक्षा का सफल आयोजन और समय पर रिजल्ट जारी हो पाया है। कोविड महामारी के चलते देशभर में परीक्षा के आयोजन को लेकर माहौल खराब करने की कोशिश की गई, लेकिन बेहतर संकल्प और इच्छाशक्ति के चलते न केवल छात्रों का एक साल बच गया है बल्कि देश-विदेश में कही भी अध्ययन में छात्रों को बाधा नहीं उत्पन्न होगी।”
उन्होने कहा, “राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी परीक्षा के संचालन में प्रशासनिक मदद की और विपरित परिस्थितियों में सहयोग किया। वहीं देशभर में लॉकडाउन का पालन करते हुए इस परीक्षा का आयोजन करवाना किसी चुनौती से कम नहीं था। इन परीक्षाओं के आयोजन से जहां छात्रों का एक साल बर्बाद होने से बच गया, वहीं छात्रों की योग्यता, विश्वसनीयता, छात्रवृत्ति, पुरस्कार, प्लेसमेंट तथा विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की स्वीकार्यता और बेहतर भविष्य-निर्माण की संभावनाओं में अब कोई बाधा नहीं आएगी।”
–आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम
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