नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)| नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि इसका लक्ष्य लोगों की नकदी जब्त कर बैंक में जमा नहीं करना था, बल्कि अर्थव्यवस्था को अधिक औपचारिक बनाना था जिसके होने से काफी लाभ मिल रहा है।
जेटली ने फेसबुक ब्लॉग में लिखा, “नोटबंदी की एक गैर जानकार आलोचना यह है कि इससे सारी नकदी बैंकों में चली गई, जबकि नकदी को जब्त करना नोटबंदी का उद्देश्य नहीं था। इसका व्यापक लक्ष्य औपचारिक अर्थव्यवस्था का निर्माण और लोगों द्वारा ज्यादा कर चुकाने को बढ़ावा देना था।”
उन्होंने कहा, “भारत को नकदी से डिजिटल लेन-देन की तरफ ले जाने के लिए प्रणाली को हिलाने की जरूरत थी। इससे कर राजस्व बढ़ा है तथा कर का आधार भी बढ़ा है।”
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए फैसलों में नोटबंदी महत्वपूर्ण कदम थी।
उन्होंने कहा कि इन फैसलों में भारत से बाहर काले धन को निशाना बनाना, कर आधार को बढ़ाना, रिटर्न दाखिल करने में प्रौद्योगिकी का प्रयोग बढ़ाना, समाज के कमजोर वर्गो का औपचारिक अर्थव्यवस्था में वित्तीय समावेशन, जन धन खाते, आधार कानून, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) थे।
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