Nursery Admissions for 2021-2022: नर्सरी कक्षा में बच्चों के प्रवेश पर रोक लगाने की कोई योजना नहीं – मनीष सिसोदिया

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Nursery Admissions for 2021-2022: राजधानी दिल्ली (Delhi)  में कक्षा 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए सोमवार से स्कूल खुल गए। छोटे बच्चों की कक्षाएं अभी बंद हैं। ऐसे में नर्सरी कक्षा (Nursery class) में बच्चों के प्रवेश पर कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। इस पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ( Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने सोमवार को स्थिति स्पष्ट की। सिसोदिया (Sisodia) ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी (coronavirus pandemic)  को देखते हुए नर्सरी कक्षा में बच्चों के प्रवेश पर रोक लगाने की कोई योजना नहीं है।

इससे पहले, दिल्ली सरकार नए सेशन के लिए नर्सरी एडमिशंस ना करने के प्रस्ताव कर विचार रही थी, जिसका प्राइवेट स्कूल (Private school) विरोध कर रहे थे और पैरंट्स भी सहमत नहीं थे। दिल्ली सरकार (Delhi government) के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी स्टेकहोल्डर्स से बात कर बहुत नर्सरी एडमिशंस को लेकर एक पॉलिसी आएगी। यह पिछले सेशन से अलग होगी। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में नर्सरी एडमिशंस (Nursery admission)  को लेकर याचिका भी दायर की गई थी, जिस पर सरकार से गाइडलाइंस तैयार करने या नर्सरी एडमिशन पोस्टपोन करने पर स्थिति साफ करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की मांग की गई थी। कोर्ट के दखल पर दिल्ली सरकार ने कहा था कि इसे लेकर वो गाइडलाइंस फ्रेम करेगी।

सरकार का अब तक मानना था कि महामारी को देखते हुए अगले साल जुलाई से पहले स्कूल खुलने के चांस कम हैं, ऐसे में नर्सरी के बच्चों की सेफ्टी और पैरंट्स की सुविधा के लिए नए सेशन में एडमिशन न किए जाएं। मगर इस प्रस्ताव से न ही स्कूल खुश थे, न ही पैरंट्स। प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि ऐसा करने से बच्चों और स्कूलों दोनों का नुकसान होगा। वहीं, पैरंट्स का कहना है कि इससे बच्चों का एक साल बर्बाद होगा, चाहे देरी से सेशन शुरू हो मगर हो जरूर। हालांकि, सोमवार को डिप्टी सीएम ने कहा है कि नर्सरी के एडमिशंस होंगे। इस फैसले से पैरंट्स को भी राहत मिली है।

सिसोदिया ने कहा, ‘लंबे वक्त बाद स्कूल में बच्चों से मिलकर वाकई अच्छा लगा। वे सुरक्षा मानकों के हिसाब से नए माहौल में खुद को ढाल रहे हैं लेकिन अपने दोस्तों से मिलकर वे बेहद खुश हैं। शिक्षक भी छात्रों से मिलकर खुश हैं। उनका कहना है कि इससे उनके जीवन का खालीपन भर गया है।’ इस अकादमिक सत्र में पहली बार 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोले गए हैं। इस दौरान छात्रों को अलग-अलग समय बुलाया गया है और परिसर को बार-बार संक्रमणमुक्त करने की व्यवस्था की गई है।

विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि सोमवार से स्कूल खुलने पर कोविड-19 संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए। दिल्ली सरकार ने सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर 10वीं और 12 वीं कक्षा के लिए 18 जनवरी से स्कूल खोलने की अनुमति दी थी। साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि छात्रों को अभिभावकों की सहमति से ही (स्कूल) बुलाया जाएगा, स्कूल आना किसी के लिए भी अनिवार्य नहीं होगा। दिल्ली में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए तीन लाख से ज्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया है जबकि 12वीं कक्षा के लिए 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। शिक्षा मंत्रालय कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए पहले ही बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर चुका है। ये परीक्षाएं चार मई से 10 जून के बीच होंगी।

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