नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)| भारत के प्रधान न्यायाधीश(सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे ने शनिवार को कहा कि न्याय देने का काम मुश्किल होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों का उद्देश्य कभी लोकप्रियता हासिल करना नहीं होता है, जबकि विवादों का निपटारा करने का होता है। बोबडे ने यहां ‘वैश्वीकरण के युग में मध्यस्थता’ के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, “न्याय देना मुश्किल कार्य हो सकता है। न्यायाधीश वह काम करते हैं, जिसे सभी टालते हैं, जोकि निर्णय लेने का काम होता है। किसी भी न्यायाधीश का उद्देश्य लोकप्रियता हासिल करने का नहीं होता है, बल्कि विवादों का निपटारा करने का होता है।”
उन्होंने कहा कि मध्यस्थता कोर्ट के बाहर विवादों के निपटारे की तकनीक है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “वैश्वीकरण से सीमा पार व्यापार में वृद्धि हुई है, जिसकी वजह से मध्यस्थता की जरूरत पड़ती है।”
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