भुवनेश्वर, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए वित्तीय स्वायत्तता की मांग की। उन्होंने ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश में विकास कार्य चलाने में विफल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा को अगर वित्तीय स्वायत्तता प्रदान की जाती है तो प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा या केंद्रीय अनुदान की जरूरत नहीं होगी।
बीजू जनता दल (बीजद) के 21वें स्थापना दिवस पर यहां पार्टी मुख्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पटनायक ने कहा, “ओडिशा वित्तीय स्वायत्तता चाहता है ताकि प्रदेश का विकास खुद अपने धन से हो सके।”
पटनायक ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना, रेलवे, कोयला रायल्टी पुनरीक्षण, बैंकिंग नेटवर्क, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य, विशेष राज्य का दर्जा, संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विकास समेत कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा।
रेल परियोजनाओं पर उन्होंने कहा कि प्रदेश ने खोरधा-बोलनगीर रेलवे लाइन के लिए जमीन आवंटित की थी और परियोजना की आधी लागत की मंजूरी भी प्रदान की गई, लेकिन परियोजना में कोई प्रगति नहीं हु़ई।
ओडिशा में बीएसएनएल मोबाइल नेटवर्क का जिक्र करते हुए पटनायक ने कहा कि लोगों को प्रदेश में मोबाइल नेटवर्क के लिए पेड़ों पर और मकानों की छत जाना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद लोगों को बैंकों के सामने लंबी-लंबी कतारों में लगाना पड़ा, जबकि उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था।
उधर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने नवीन पटनायक और उनकी सरकार की तीखी आलोचना की है।
प्रधान ने यहां भारतीय जनता पार्टी के एक सम्मेलन में कहा, “मुख्यमंत्री महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की बात कर रहे हैं, इसलिए उनको स्पष्ट करना चाहिए कि उनके मंत्रिमंडल में महिला मंत्रियों की संख्या कितनी है। कुंडुली और गुमुडुमाहा के पीड़ित इंसाफ से वचिंत हैं और मुख्यमंत्री घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।”
चिटफंड घोटाले के आरोपी सरोज साहू का नवीन पटनायक से संबंध होने का जिक्र करते हुए प्रधान ने सवाल किया कि पटनायक को स्पष्ट करना चाहिए कि वह आदमी उनके आवास पर क्या कर रहा था और उसका उनसे क्या संबंध है।
बीजद ने जहां अपना स्थापना दिवस मनाया, वहीं कांग्रेस ने बुधवार को प्रदेशभर में काला दिवस मनाया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा, “करीब 85 लाख युवा प्रदेश में बेराजगार हैं। वर्ष 2000 में जहां प्रदेश पर 18,000 करोड़ कर्ज का बोझ था वह अब बढ़कर 93,000 करोड़ रुपये हो गया है। प्रदेश में आज भी 65 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। नवीन पटनायक अगर इसी को विकास कहते हैं तो मुझे इसपर कुछ नहीं कहना है।”
This post was last modified on December 26, 2018 12:49 PM
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