लाहौर, 12 नवंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीके लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी व 26 अन्य आरोपियों पर मंगलवार को आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने औपचारिक रूप से आरोप निर्धारित किए। इन सभी ने बीते साल पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईशनिंदा मामले में ईसाई महिला आसिया बीबी को रिहा करने के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शन किए थे और भड़काऊ भाषण दिए थे।
एटीसी न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इन धार्मिक-राजनैतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं पर आरोप निर्धारित किए। इस दौरान अदालत में रिजवी व कुछ अन्य आरोपी मौजूद थे जबकि कुछ अन्य आरोपियों का प्रतिनिधित्व उनके वकीलों ने किया।
अदालत ने मामले में गवाहों को समन भेजकर 13 नवंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान मौजूद रहने के लिए कहा। अदालत ने मामले की सुनवाई 13 नवंबर से रोजाना करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आसिया बीबी को रिहा करने के फैसले के खिलाफ कट्टरपंथी धार्मिक संगठनों, विशेषकर टीएलपी द्वारा पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए गए थे। तमाम राजमार्गो व अन्य मार्गो को धरने व अन्य अवरोधकों के जरिए प्रदर्शनकारियों ने अवरुद्ध कर दिया था। इन प्रदर्शनों के दौरान देश की संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण दिए गए थे। यह प्रदर्शन तीन दिए तक किए गए थे जिससे व्यापक अफरातफरी फैली थी।
इसके बाद राज्य विरोधी भाषणों व हिंसा भड़काने के आरोप में रिजवी व अन्य पर राजद्रोह और आतंकवाद के आरोपों में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने 23 नवंबर 2018 को रिजवी को गिरफ्तार कर लिया था।
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