नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)| करतारपुर गलियारा (कॉरिडोर) खुलने में कुछ ही दिन बचे हुए हैं। ऐसे समय में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों को पाकिस्तान के नारोवाल जिले में गुरुद्वारा दरबार साहिब के पास आतंकियों के शिविर होने की सूचना दी है। सूत्रों ने यहां सोमवार को यह बात कही।
भारत ने गुरु नानक देव के नाम पर गुरुद्वारा के लिए लगभग 100 एकड़ जमीन को बहाल करने के लिए पाकिस्तान से कहा है, जो फिलहाल अतिक्रमण या अधिग्रहण की गई है। एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तान का जवाब और ²ष्टिकोण अब तक निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा, “इन क्षेत्रों में आतंकी शिविरों को देखा गया है।”
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को आवश्यक कदम उठाने के लिए एंजेसियों ने पाकिस्तान में पंजाब के शेखपुरा जिला स्थित मुरीदके में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के बारे में गृह मंत्रालय को भी अलर्ट किया है।
एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा, “इन आतंकी शिविरों से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान ने अपने ‘के-2’ प्लान को सक्रिय करने के लिए अपनी नापाक योजना शुरू की है, जो कश्मीर और खालिस्तान के लिए है।”
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पंजाब और कश्मीर दोनों में परेशानी पैदा करना चाहती है और इस संबंध में वह न केवल अपने आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश कर रही है, बल्कि पंजाब में खालिस्तान आंदोलन को भी बढ़ावा दे रही है।
सूत्रों ने कहा, “जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों का संस्थापक नामित वैश्विक आतंकवादी हाफिज मोहम्मद सईद इन शिविरों को चला रहा है।”
यह भी पता चला है कि इन आतंकी शिविरों में महिलाओं को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक आईपीएस अधिकारी विवेक कुमार जौहरी को सीमा पार की मौजूदा स्थिति के बारे में सतर्क कर दिया गया है, क्योंकि बीएसएफ को ही करतारपुर टर्मिनल और गलियारे को सुरक्षित रखने का काम सौंपा गया है।
नौ नवंबर को खोला जाने वाला करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक मंदिर को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित अंतर्राष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान के दरबार साहिब से जोड़ेगा।
एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि सिख कट्टरपंथी संगठनों जैसे सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने अपने अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने की योजना बनाई है। एसएफजे को पाकिस्तान स्थित संचालकों द्वारा पंजाब में स्थानीय आतंकवादियों को पैसा और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए समर्थन दिया जा रहा है।
भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में कई गुरुद्वारों का इस्तेमाल खालिस्तान समर्थक अभियान को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है और उन्होंने पाकिस्तान के कुछ गुरुद्वारों में पर्चे बांटे जाने के बारे में जानकारी साझा की है, जिसमें ‘सिख रेफरेंडम 2020’ के बारे में बात की गई है।
अवतार सिंह पन्नून और गुरपतवंत सिंह पन्नून की अध्यक्षता वाले एसएफजे ने एक अलग खालिस्तान राज्य के साथ-साथ एक ऑनलाइन अलगाववादी अभियान ‘सिख रेफरेंडम 2020’ की शुरुआत की थी।
पंजाब पुलिस ने एसएफजे और उसके सदस्यों के खिलाफ 10 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जबकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी एक मामले में समूह की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि पिछले महीने खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार भेजे जाने से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का हाथ है और बरामद किए गए ड्रोन चीनी निर्मित बताए गए हैं।
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