इस्लामाबाद, 27 जनवरी (आईएएनएस)| आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान के लिए एक और बहुत बुरी खबर आई है। देश की अर्थव्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली कपास की पैदावार में रिकार्ड कमी दर्ज की गई है। इसका उत्पादन देश में अब तक के निम्नतम स्तर पर दर्ज किया गया है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सहारा देने में टेक्सटाइल उद्योग का सबसे बड़ा हाथ रहता है। अब इस उद्योग के कच्चे माल, कपास की कम पैदावार ने देश के नीति निर्माताओं के साथ-साथ कपास निर्यातकों में भी खलबली मचा दी है।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल कपास की फसल की पैदावार में रिकार्ड कमी दर्ज की गई। इसमें कहा गया है कि ‘कपास के बीज पर यथोचित ध्यान नहीं देने का यह नतीजा है और आज भारत जैसे देश कपास उत्पादन के मामले में पाकिस्तान से बहुत आगे निकल गए हैं।’
सरकार की निगाह इस पर थी कि पाकिस्तान कपास के निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जित करेगा और इससे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कर्ज से थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन, नौबत यह आ गई है कि पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए कपास का आयात करना होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कपास का आयात किया गया तो कुछ महीने में ही एक अरब पचास करोड़ डालर खर्च करने होंगे, यानी आईएमएफ से मिलने वाली सालाना राशि से अधिक की राशि कपास के आयात पर खर्च हो जाएगी। इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर बेहद विपरीत असर पड़ेगा और आईएमएफ पर निर्भरता कम नहीं होगी।
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