इस्लामाबाद, 1 नवंबर (आईएएनएस)| इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग के साथ निकाले गए पाकिस्तान की दक्षिणपंथी धार्मिक पार्टी जमीयत उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के ‘आजादी मार्च’ में महिलाओं को शामिल नहीं होने देने का फरमान पहले ही सुना दिया गया था।
अब, इस मार्च की कवरेज करने से भी महिला मीडियाकर्मियों को रोका गया। विवाद बढ़ने के बाद आयोजकों ने महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज की इजाजत दी। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामाबाद के एच-9 स्थित मेट्रो ग्राउंड पर आजादी मार्च में शामिल होने वाले एकत्र हैं और यहीं पर इनका जलसा हो रहा है। जब इसकी कवरेज के लिए कुछ महिला मीडियाकर्मी पहुंचीं तो मार्च में शामिल जेयूआई-एफ के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक दिया। उनसे कहा गया कि कवरेज करना है, तो बाहर से ही करो।
इसके बाद जेयूआई-एफ नेता मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी ने मंच से ऐलान किया कि लाखों लोग जमा हैं और महिलाओं से अभद्रता की शिकायत मिली है। कार्यकर्ता महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें रास्ता दें।
मौलान गफूर के आदेश के बाद कार्यकर्ताओं ने महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज के लिए मंच के पास तक जाने की इजाजत दी।
सत्तारूढ़ तहरीके इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबर अवान ने इस घटनाक्रम को संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए कहा कि महिलाओं को राजनैतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 25 में दिए गए बराबरी के अधिकार का उल्लंघन है।
प्रधानमंत्री इमरान खान की सूचना एवं प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि लोकतंत्र का लबादा ओढ़े चरमपंथी मानसिकता ने आधी आबादी के अधिकारों पर करारी चोट लगाई है। महिला मीडियाकर्मियों को रोक कर पाषाण युग की याद दिला दी गई है।
तहरीके इंसाफ नेता व पूर्व वित्त मंत्री ने इस मार्च से सभी महिलाओं को पूरी तरह दूर रखने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे सिर्फ मौलाना की पार्टी ने ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मुस्लिम लीग-नवाज जैसी पार्टियों ने भी इसे अंजाम दिया है। मार्च में इनके रवैये ने साफ कर दिया है कि यह दल एक ऐसे पाकिस्तान का विजन रखते हैं जिसमें महिलाओं का सार्वजनिक जीवन में कोई योगदान नहीं है।
जेयूआई नेता मौलाना फजल ने इन आपत्तियों को यह कह कर दरकिनार किया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी था। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का मूल स्वरूप धार्मिक है जिसके अपने कुछ ‘उसूल’ हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की समर्थक जो महिलाएं घर पर रहकर उनके लिए दुआ कर रही हैं, वह भी एक तरह से मार्च में शामिल हैं।
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