पटना, 1 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां गुरुवार को कहा कि विकास के नाम पर दुनिया में जिस ढंग से पेड़ों की कटाई की जा रही है, भवन बनाए जा रहे हैं, कल कारखाने खुल रहे हैं, उद्योग लगाए जा रहे हैं, उससे पर्यावरण पर संकट पैदा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आज वर्षापात का अनुपात कम हो गया है। पटना के पशु विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में पोधरोपण कर राज्यस्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस ढंग से दुनिया विकास के नाम पर वृक्षों की कटाई कर रही है, उससे पर्यावरण पर संकट पैदा हो रहा है।
उन्होंने कहा, “जब हमलोग कलेजों में पढ़ते थे, उस समय राज्य में वर्षापात 1200 से 1500 मिलीमीटर था, पिछले 30 वर्षो में राज्य का औसत वर्षापात 1000 मिलीमीटर है, जबकि पिछले 13 वर्षो से राज्य का औसत वर्षापात 900 मिलीमीटर रहा है। पिछले वर्ष वर्षापात 775 मिलीमीटर थी।”
उन्होंने कहा कि वर्षा की अनियमितता, अनिरंतरता की वजह से पर्यावरण में बदलाव हो रहा है। ग्लोबल वार्मिग से काफी गर्मी बढ़ रही है, जिससे पृथ्वी पर खतरा उत्पन्न हो रहा है। इस पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव के दौरान डेढ़ करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सड़कों के किनारे, बांध, तालाब, पोखर, पइन, आहर के किनारे वृक्ष लगाने की योजना है और इसके लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल के संरक्षण के लिए सबको मिल जुलकर काम करना होगा।
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