PM Modi in AMU: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के 100 वर्ष पूरे होने होने पर शताब्दी समारोह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi ) ने संबोधित किया । मुख्य अतिथि पीएम नरेंद्र मोदी ने यह संबोधन ऑनलाइन माध्यम से किया । पीएम मोदी के साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस समारोह में शामिल हुए।
“आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के श्रेष्ठ संस्थानों ही नहीं दुनियाभर में छाए हुए हैं। विदेश यात्राओं के दौरान यहां के अलुम्नाई मिलते हैं, जो गर्व से बताते हैं कि वो एएमयू से हैं। अपने 100 वर्ष के इतिहास में एएमयू ने लाखों जीवन को तराशा है, संवारा है। समाज के लिए देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा जाग्रत की है। एएमयू की ये पहचान और इस सम्मान का आधार वो मूल्य रहे हैं, जिन पर सर सैयद अहमद खां द्वारा इस यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी।”
“बहुत से लोग बोलते हैं कि AMU कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी। अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृत की शिक्षा भी दी जाती है। यहां लाइब्रेरी में कुरान है तो रामायण भी उतनी ही सहेजकर रखी गई है। हमें इस शक्ति को न भूलना है न कमजोर पड़ने देना है। एएमयू के कैंपस में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हो, हमें इसके लिए काम करना है।”
“बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहाँ जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है।”
“पहले मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट जो 70 फीसदी था, वो घटकर 30 फीसदी रह गया है। मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट कम से कम हो इसके लिए हमारी सरकार काम कर रही है। एएमयू में भी अब लड़कियों की संख्या बढ़कर 35 फीसदी हो गई है, इसके लिए मैं आपको बधाई देना चाहूंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है। देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है।”
“नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा Nation First के अह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार उच्च शिक्षा में दाखिला बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे, आज 23 IITs हैं। वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थे, आज 25 IIITs हैं। वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे, आज 20 IIMs हैं।”
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