चंडीगढ़, 25 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों द्वारा दिनभर के लिए किए जा रहे राज्यव्यापी चक्का जाम का असर पंजाब और हरियाणा में आम जनजीवन पर देखने को मिला है। इन विरोध प्रदर्शनों को दोनों राज्यों में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है लेकिन चंडीगढ़ में यह लगभग सामान्य रहा।
पंजाब में रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ क्योंकि किसानों, कृषि श्रमिकों, कमीशन एजेंटों और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने रेलवे लाइनों पर चक्का जाम कर दिया।
राज्यों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।
कई किसान संघों के कार्यकर्ता कांग्रेस शासित पंजाब में अखिल भारतीय विरोध को चिह्न्ति करने के लिए कई जगहों पर व्यापारियों से दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करने के लिए कहते नजर आए।
पंजाब के पटियाला, लुधियाना, भठिंडा, मोगा, होशियारपुर, जालंधर और अन्य स्थानों से दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को बंद करने की खबरें मिलीं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दोनों राज्यों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
एकजुटता के इस तरह के पहले प्रदर्शन में, पंजाब के 31 किसान संगठनों ने संयुक्त विरोध की घोषणा की।
कृषि विधेयकों के खिलाफ तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ अभियान शुरू करने के बाद से गुरुवार से कई ट्रेनों के परिचालन को रद्द कर दिया गया है।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि फिरोजपुर रेलवे डिवीजन ने यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर 26 सितंबर तक विशेष ट्रेनों के परिचालन को रद्द करने का फैसला किया।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा कि पंजाब में 125 जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। किसानों द्वारा सभी मुख्य राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे कृषि विधेयकों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए एक मंच पर आएं।
अमरिंदर सिंह ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इन विधेयकों को लाकर नए निम्नस्तर पर पहुंच गई है और वह भी बहुत ही अलोकतांत्रिक और असंसदीय तरीके से पारित किया गया है।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस राज्य इकाई द्वारा समर्थित उनकी सरकार न सिर्फ किसानों और राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के हित में पुरजोर विरोध करेगी।
उन्होंने किसानों से कानून और व्यवस्था को कड़ाई से बनाए रखने और सभी कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने विरोध के मद्देनजर राज्यव्यापी ‘चक्का जाम’ की घोषणा की है।
एसएडी सत्तारूढ़ भाजपा की लंबे समय से सहयोगी रही है। हालांकि एसएडी की लोकसभा सांसद और सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने 17 सितंबर को अपनी पार्टी द्वारा तीनों विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
दिलचस्प बात यह है कि कई पंजाबी गायकों ने किसानों द्वारा बुलाए गए ‘बंद’ का समर्थन किया है।
लोकप्रिय पंजाबी गायक और अभिनेता हरभजन मान ने एक ट्वीट में कहा कि वह कई अन्य कलाकारों के साथ विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बर्खास्त शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षकों के साथ सोनीपत जिले के मुदलाना गांव में गुरुवार को कृषि मंत्री जे.पी. दलाल को काले झंडे दिखाए।
वहीं, कृषि विधेयकों को एक ‘क्रांतिकारी कदम’ बताते हुए हरियाणा भाजपा के राज्य प्रमुख ओ.पी. धनखड़ ने कहा कि इससे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए कई विकल्प खुलेंगे।
–आईएएनएस
वीएवी-एसकेपी
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…