भुवनेश्वर, 12 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को ओडिशा सरकार से अनुरोध किया कि वह सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी के आरक्षण को लागू करे।
प्रधान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले राज्य सरकार ने आम जनगणना 2021 के साथ एक सामाजिक-आर्थिक जातीय गणना कराने का केंद्र से अनुरोध करने का संकल्प लिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार को ओडिशा में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी और सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े (एसईबीसी) लोगों के आरक्षण को सुनिश्चित कराना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी और एसईबीसी को कोई आरक्षण नहीं दे रही है।
पूर्व कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना ने भी 1931 की जातीय जनगणना और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का जिक्र करते हुए सवाल किया कि ओडिशा सरकार मंडल आयोग की सिफारिशों के अनुसार आरक्षण क्यों नहीं मुहैया करा रही है।
उन्होंने शिक्षा और नौकरियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की मांग की।
कांग्रेस सांसद रंजीब बिस्वाल ने आरोप लगाया कि मंत्रिमंडल का निर्णय लोगों के बीच विभाजन पैदा करने की एक दूसरी योजना है।
उन्होंने कहा, “चाहे भारत हो या ओडिशा, लोगों को बांटने की एक साजिश है। वे एकता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।”
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