मरावती, 3 फरवरी (आईएएनएस)| भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने रविवार को आंध्रपदेश उच्च न्यायालय के स्थायी भवन का शिलान्यास और अस्थायी भवन का उद्घाटन किया।
जब तक स्थायी भवन बनकर तैयार नहीं होता है तब तक उच्च न्यायालय का कामकाज अस्थायी भवन में ही चलेगा।
पूजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उच्च न्यायालय भवन का भूमिपूजन किया गया। उच्च न्यायालय का स्थायी परिसर 42 एकड़ के क्षेत्र में होगा जिसकी लागत 732 करोड़ रुपये आएगी।
भवन के प्रमुख डिजाइनर फोस्टर्स प्लस पाटनर्स हैं। भवन का आकार बौद्ध स्तूप जैसा होगा। सदियो से बौद्ध धर्म का केंद्र रहे इस क्षेत्र का यह प्रतीक है। शापूरजी पालोनजी कंपनी उच्च न्यायालय के सात मंजिला भवन बनाएगी। भवन 20.32 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में होगा। इस परियोजना के दो साल में पूरी होने की उम्मीद है।
प्रधान न्यायाधीश ने 173 करोड़ रुपये की लागत से 4.2 एकड़ जमीन पर अस्थायी न्यायिक परिसर का उद्घाटन भी किया। अधिकारियों के अनुसार, परिसर में 23 अदालत भवन और महाधिवक्ता, लोक अभियोजकों व अन्य के भवन भी हैं।
आंध्रप्रदेश से तेलंगाना के 2014 में अलग होने के बाद से हैदराबाद स्थित उच्च न्यायालय दोनों प्रदेशों के उच्च न्यायालय के रूप में काम कर रहा था।
दोनों देशों के लिए अलग-अलग उच्च न्यायालय इसी साल एक जनवरी को अस्तित्व में आए।
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