नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने शुक्रवार को कहा कि यदि मौजूदा संकट गहराया और ऐसा लगा कि यह उपाय सबसे अच्छा समाधान है तो सरकार गरीबों और प्रवासी श्रमिकों को सीधे नकदी हस्तांतरित करने पर विचार कर सकती है।
कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के चलते शहरों में कोई काम नहीं रह गया, लिहाजा लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक सड़क और अन्य माध्यमों से अपने घरों को लौट गए। समाज का यह वर्ग कोविड-19 महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि उनके आय के स्रोत पूरी तरह समाप्त हो गए हैं।
सूत्रों ने यह भी कहा कि वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय से कहा है कि वह देश में कोविड-19 के प्रकोप के बाद रोजगार खत्म होने और वेतन कटौती पर आंकड़े जुटाए।
अधिक नोट छापकर राजकोषीय घाटे के मुद्रीकरण के बारे में पूछने पर अधिकारी ने कहा कि जब हम उस स्थिति में पहुंचेंगे तो इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी हम उस स्थिति में नहीं पहुंचे हैं।
भारत में चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगाने के बारे में अधिकारी ने स्पष्ट किया कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) मार्ग के जरिए चीन को प्रतिबंधित करने का निर्णय अभी नहीं लिया गया है।
सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के संबंध में अधिकारिक सूत्र ने इसके ढांचे का बचाव किया, और कहा कि अन्य देशों के आर्थिक पैकेज भारत की तुलना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि भारत की जरूरत अन्य से अलग है।
सूत्र ने कहा, “हमने अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए अधिक सुधार का रास्ता अपनाया है। हमारे देश में इसकी अधिक जरूरत है।”
–आईएएनएस
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