मुंबई, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी.एन. साईंबाबा नेपाल की संयुक्त कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्य नेता इंद्र मोहन सिगडेल उर्फ कॉमरेड बसंता के संपर्क में थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में अपने आरोपपत्र (चार्जशीट) में दावा किया है कि गिरफ्तार अभियुक्त वरवर राव को उनके साथ हथियार और गोला-बारूद खरीदने का काम सौंपा गया था।
मुंबई में नौ अक्टूबर को एक विशेष एनआईए अदालत में एजेंसी की ओर से दायर 10,000 पेज की चार्जशीट में, जिसे आईएएनएस द्वारा देखा गया है, आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि साईंबाबा के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिजिटल डेटा विश्लेषण से मिले एक दस्तावेज में सिगडेल उर्फ कॉमरेड बसंता के बारे में उल्लेख करते हुए पाया गया है।
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में दावा किया, “मामले के सह-साजिशकर्ताओं में से एक रोना विल्सन ने बसंता के बारे में उल्लेख किया है और कहा है कि कॉमरेड वरवारा राव हथियार ने और गोला-बारूद की खरीद के लिए उनसे डील की थी। लगभग आठ करोड़ रुपये कीमत की विज.एम4 और 4,00,000 राउंड की मदद मणिपुर के नक्सलियों से मिली है।”
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में दावा किया कि साईंबाबा से जब्त किए गए डिजिटल डेटा में एक अन्य सह-आरोपी रितुपन गोस्वामी उर्फ प्रकाश के साथ अबुज माड वन क्षेत्र में विल्सन की यात्रा की तस्वीर है, जो उनकी वन यात्रा के साथ-साथ उनके जुड़ाव को भी दर्शाता है। इसकी पुष्टि अन्य सबूतों के साथ हुई, जो जांच के दौरान सामने आए हैं।
पूर्व आईआईटी प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बडे की भूमिका का हवाला देते हुए, एनआईए ने आरोप लगाया कि वह सीपीडीआर के महासचिव और एजीएमसी के सदस्य हैं।
आनंद को इस साल 14 अप्रैल को एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
उल्लेखनीय है कि एनआईए ने मुंबई में विशेष एनआईए अदालत में मामले से जुड़े आठ लोगों के खिलाफ हाल ही में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया है। इसमें एनआईए ने नवलखा के अलावा हनी बाबू, स्टैन स्वामी, आनंद तेलतुम्बडे, सागर गोरखे, रमेश गाइचोर, ज्योति जगताप और मिलिंद तेलतुम्बडे को नामजद किया है। इन लोगों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के साथ ही गैरकानूनी रोकथाम गतिविधियां अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
10,000 पन्नों की चार्जशीट में प्रत्येक अभियुक्त का विवरण है कि उन्होंने जाति के आधार पर हिंसा की योजना किस तरह से बनाई। सूत्र ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी एक यात्रा के दौरान नवलखा ने एक कॉमन फ्रेंड के माध्यम से आईएसआई एजेंटों से मुलाकात की।
सूत्र ने कहा कि उससे आईएसआई एजेंटों की ओर से अमेरिका में संपर्क किया गया था, ताकि उन्हें भारत में उपयुक्त जासूसों को खोजने के लिए नवलखा से मदद मिल सके।
सूत्र ने हालांकि नवलखा की ओर से अमेरिका की यात्रा के संबंध में पूछे जाने पर इस जानकारी का खुलासा नहीं किया कि वह अमेरिका कब गए और उन्होंने आईएसआई एजेंटों के साथ कितनी बार संवाद किया।
भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा की भूमिका और भागीदारी को उजागर करते हुए, एनआईए ने अपने आरोपपत्र में दावा किया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि उसके भाकपा (माओवादी) कैडरों के बीच गुप्त संचार हुआ था।
एनआईए ने कहा, नवलखा को सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था। वह कुछ तथ्य-खोज समितियों का हिस्सा थे और उन्हें भाकपा (माओवादी) की गुरिल्ला गतिविधियों के लिए कैडर भर्ती करने का काम सौंपा गया था।
–आईएएनएस
एकेके/एसजीके
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