नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)| प्रख्यात इतिहासकार और जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति मुशीरुल हसन का सोमवार को 71 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के पूर्व महानिदेशक हसन ने 1947 में भारत विभाजन पर बहुत विस्तृत रूप से लिखा था।
उन्होंने 1992 से 1996 के बीच जामिया मिलिया इस्लामिया के उपकुलपति और 2004 से 2009 के बीच संस्थान के कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं।
हसन का ‘नमाज-ए-जनाजा’ बाबुल इल्म और जामिया मस्जिद में होगा। उन्हें जामिया कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।
उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि उनका काम राष्ट्र की चेतना को आकार देता रखेगा।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “एक इतिहासकार, एक शिक्षक, एक कुलपति, एक अभिलेखाध्यक्ष मुशीरुल हसन हमारी समन्वयक संस्कृति और विद्वत्ता के सभी गुणों का मिश्रण थे। उनका काम और उनकी पुस्तकें हमारी चेतना को आकार देना जारी रखेंगी। उनकी पत्नी जोया हसन और परिवार के अन्य लोगों के प्रति संवेदनाएं।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर कर कहा, “प्रसिद्ध विद्वान व लेखक मुशीरुल हसन के निधन की खबर सुनकर हैरान हूं। जामिया मिलिया इस्लामिया में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।”
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