Patanjali Coronil Relaunched: पतंजलि ने कोरोना की दवा का रिसर्च पेपर जारी किया

Follow न्यूज्ड On  

नई दिल्ली;  योग गुरु और पतंजलि (Patanjali ) के सह-संस्थापक बाबा रामदेव (Co-founder Baba Ramdev) ने शुक्रवार को पतंजलि (Patanjali )अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार एक वैज्ञानिक शोध पत्र (रिसर्च पेपर) जारी किया। दावा किया गया है कि यह कोरोना वायरस (Corona virus)  के खिलाफ कोरोनिल नामक दवा को लेकर पहला सबूत-आधारित आयुर्वेदिक चिकित्सा शोध पत्र (Ayurvedic medical research paper) है।

पतंजलि (Patanjali ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और नितिन गडकरी की मौजूदगी में इस पत्र को लॉन्च किया गया।

पतंजलि ने एक बयान में कहा, कोरोनिल को डब्ल्यूएचओ सर्टिफिकेशन स्कीम के अनुसार, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के आयुष सेक्शन से सर्टिफिकेट ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट (सीओपीपी) का सर्टिफिकेट मिला है।

सीओपीपी के तहत, कोरोनिल को अब 158 देशों में निर्यात किया जा सकता है।

कंपनी ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन बनाने के वैश्विक संघर्ष के बीच, पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद के माध्यम से पहली साक्ष्य आधारित कोरोना दवा लाने का काम पूरा किया है।

इस पर टिप्पणी करते हुए रामदेव ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा के आधार पर सस्ती चिकित्सा प्रदान करते हुए दवा मानवता की मदद करेगी। उन्होंने कहा, प्रस्तुत आंकड़ों के आधार पर, आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 में उपायों के समर्थन के लिए कोरोनिल टैबलेट को एक दवा के रूप में मान्यता दी है।

बता दें कि पतंजलि ने पहली बार जून 2020 में कोरोनावायरस की एक दवा कोरोनिल बनाई थी। लेकिन बाद में उस पर सवाल उठे थे कि कंपनी ने इस दवाई को बिना क्लिनिकल ट्रायल के बाजार में बेचने के लिए उतार दिया है। जबकि पतंजलि ने दावा किया कि उन्होंने इसका क्लीनिकल ट्रायल किया है और कोरोना संक्रमित लोगों पर इसका सकारात्मक असर हुआ है। बाबा रामदेव के दावे के बाद भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि मंत्रालय को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार-प्रसार पर भी रोक लगा दी थी।

रामदेव ने कहा कि शोध का उद्देश्य विश्व स्तर पर प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान को वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान करके और स्वास्थ्य सेवा में आत्मानिर्भर भारत के ²ष्टिकोण को पूरा करना है।

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेद के महत्व को उजागर करने के लिए आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों के उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, आचार्यजी और स्वामीजी के नेतृत्व में पतंजलि आयुर्वेद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करेगी।

मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम के बीच हुई बातचीत का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, वैश्विक निकाय क्षेत्र में भारत के काम से प्रभावित हैं और भारत में आयुर्वेद के लिए एक वैश्विक केंद्र स्थापित करना चाहता है।

मंत्री ने यह भी कहा कि महामारी के बाद देश में आयुर्वेद का आर्थिक योगदान काफी बढ़ गया है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में आयुर्वेद की 30 हजार करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी से पहले इसमें 15-20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी, जो महामारी के बाद बढ़कर 50 से 90 प्रतिशत हो गई है। यह एक संकेत है कि लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया है।

–आईएएनएस

 

This post was last modified on February 20, 2021 9:31 AM

Share

Recent Posts

जीआईटीएम गुरुग्राम ने उत्तर भारत में शीर्ष प्लेसमेंट अवार्ड अपने नाम किया

नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…

March 19, 2024

बिहार के नींव डालने वाले महापुरुषों के विचारों पर चल कर पुनर्स्थापित होगा मगध साम्राज्य।

इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…

March 12, 2024

BPSC : शिक्षक भर्ती का आवेदन अब 19 तक, बिहार लोक सेवा आयोग ने 22 तक का दिया विकल्प

अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

July 17, 2023

जियो ने दिल्ली के बाद नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ट्रू5जी सर्विस शुरु की

पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना

November 18, 2022

KBC 14: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कौन थे, जिन्होंने इंग्लैंड में भारत को अंतिम बार एक टेस्ट सीरीज जिताया था?

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…

September 23, 2022