पूर्वोत्तर राज्यों में क्रिकेट को ‘दिशा’ दे रहे हैं बाहरी खिलाड़ी

Follow न्यूज्ड On  

नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)| दो साल पहले जस्टिस आरएन लोढ़ा समिति की सिफारिशों को अपनाते हुए बीसीसीआई ने पूर्वोत्तर के हर राज्य की टीम को घरेलू क्रिकेट खेलने का मौका दिया। इसके बाद रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे, सैयद मुश्ताक अली जैसे तीनों प्रारूपों के मुख्य टूर्नामेंट्स में पूर्वोत्तर की टीमों ने कदम रखा। इन प्रदेशों के सामने खिलाड़ियों के पूल बनाने की समस्या आई जिसे दूसरे प्रदेशों के खिलाड़ियों को लेकर हल किया गया।

इसका एक और मकसद था। जिन प्रदेशों में क्रिकेटरों की भरमार है, वहां से कुछ खिलाड़ियों क्रिकेट के लिहाज से कम विकसित पूर्वोत्तर के प्रदेशों को दिए जाएं जो वहां खेल के विकास और उसके लिए माहौल तैयार करने में मदद करें। साथ ही इन छोटे प्रदेशों के युवाओं को क्रिकेट के पास लेकर आएं ताकि आगे जाकर इन प्रदशों के पास भी अपने खिलाड़ियों का मजबतू पूल हो।

अगर देखा जाए तो शुरुआती दो साल में यह मकसद अपने रास्त पर ठीक-ठाक तरीके से चलता दिख रहा है क्योंकि बीते दो सीजन की बात की जाए तो रणजी ट्रॉफी में शीर्ष स्कोरर पूर्वोत्तर की टीम से ही रहा है। इस सीजन में तो शीर्ष-3 स्कोरर पूर्वोत्तर से ही हैं। हां, टीमों का प्रदर्शन ज्यादा खास नहीं रहा लेकिन यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें समय भी लगेगा।

नई टीमों के लिए बुनियादी जरूरतों की भी कमी है, लेकिन इसके बावजूद अपनी टीम के खिलाड़ियों को ढेरों रन करते देखना और शीर्ष स्कोरर की सूची में नाम दर्ज करते देखना आत्मविश्वास बढ़ाने वाली बात हो सकती है जो उन्हें आगे अच्छा करने के लिए प्रेरित करेगी।

इस साल अगर रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की बात की जाए तो शीर्ष-3 में पूर्वोत्तर की टीमों के ही बल्लेबाज हैं। पहले नंबर पर अरुणाचल प्रदेश के राहुल दलाल है। राहुल ने लगभग तीन दशक पुराने वीवीएस. लक्ष्मण के एक सीजन में सबसे ज्यादा रन बानने वाले बल्लेबाज के रिकार्ड को तोड़ ही दिया था, लेकिन वह बहुत कम अंतर से चूक गए।

राहुल ने नौ मैचों में 95.71 की औसत से 1340 रन बनाए, जिसमें चार शतक, पांच अर्धशतक शामिल हैं। अरुणाचल हालांकि नौ मैचों में से एक भी मैच नहीं जीत पाई और अपने 10 टीमों के प्लेट ग्रुप में आखिरी स्थान पर रही। उसे छह हार का सामना करना पड़ा और तीन मैच ड्रॉ रहे।

रणजी में एक सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकार्ड वीवीएस. लक्ष्मण के नाम है, जिन्होंने 1999-00 में 1415 रन बनाए थे। राहुल सिर्फ 75 रनों से लक्ष्मण के रिकार्ड को तोड़ने से चूक गए।

राहुल के बाद दूसरा स्थान मिजोरम को तरुवर कोहली का है। भारत की अंडर-19 टीम का हिस्सा रह चुका यह बल्लेबाज पंजाब के जलंधर से आता है लेकिन रणजी ट्रॉफी में मिजोरम से खेल रहा है। कोहली ने इस सीजन मिजोरम के लिए नौ मैच खेले और 71.28 की औसत से 998 रन बनाए। कोहली ने तीन शतक के अलावा पांच अर्धशतक जमाए और उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 307 रहा।

मिजोरम हालांकि नौ मैचों में एक मैच जीतने में सफल रही। वह अपने प्लेट ग्रुप में आठवें स्थान पर रही।

प्लेटग्रुप में चौथे स्थान पर रहने वाली मेघालय के पुनीत बिष्ट रनों के मामले में इस सीजन तीसरे स्थान पर रहे। दिल्ली के रहने वाले पुनित ने मेघालय के लिए इस सीजन नौ मैचों में 69.71 की औसत से 976 रन बनाए। पुनित ने इस दौरान दो शतक और छह अर्धशतक लगाए। उनका सर्वोच्च स्कोर 250 रहा। मेघालय ने इस सीजन पांच मैच जीते और तीन में उसे हार मिली जबकि एक मैच ड्रॉ रहा।

अब अगर पिछले सीजन के शीर्ष स्कोरर की बात की जाए तो सिक्किम के मिलिंद कुमार 2018-19 में 1331 रनों के साथ शीर्ष पर रहे थे। पुनीत ने इस सीजन में भी अपना बल्ला चमकाया था और आठ मैचों में 892 रन बनाए थे। तरुवर कोहली भी आठ मैचों में 826 रन बनाने में सफल रहे थे। पिछले सीजन अगर शीर्ष-10 बल्लेबाजों की बात की जाए तो उसमें से पांच पूर्वोत्तर से थे। योगेश नागर (मेघालय) यशपाल सिंह (मणिपुर) भी इस फेहरिस्त में शामिल थे।

पूर्वोत्तर की टीम से बीते दो सीजनों में जिन बल्लेबाजों ने रन किए हैं उनसे से अधिकतर दूसरे प्रदेशों के हैं।

इस सीजन के सर्वोच्च स्कोर रहे राहुल हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं जबकि कोहली पंजाब से तथा पुनीत दिल्ली से खेल चुके हैं। पिछले सीजन के सर्वोच्च स्कोरर रहे मिलिंद कुमार भी दिल्ली से आते है।

वहीं इस सीजन अगर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की बात की जाए तो मेघालय के आर. संजय यादव नौ मैचों में 55 विकेट लेकर दूसरे स्थान पर रहे। संजय तमिलनाडु से आते हैं। इस सूची में पांचवें नंबर पर रहने वाले मणिशंकर मुरासिंह त्रिपुरा के हैं, जिन्होंने नौ मैचों में 49 विकेट झटके।

मणिशंकर एक तरह से अपवाद कहे जा सकते हैं क्योंकि वे त्रिपुरा से ही आते हैं। सातवें स्थान पर ईश्वर चौधरी। गुजरात से आने वाले इस तेज गेंदबाज ने इस सीजन सिक्किम के लिए नौ मैचों में 49 विकेट लिए हैं।

यह खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से इन टीमों के युवाओं को खेल के गुर सिखा रहे हैं बल्कि वो अनुभव दे रहे हैं जो आने वाले दिनों में उन्हें बेहतर करने के काम आए। क्रिकेट की बारीकियां सीखने के साथ-साथ यह एक रास्ता बना रहे हैं जहां भविष्य में क्रिकेट की चमक अभी तक अछूते रहे इन राज्यों में बिखेरी जा सके।

अब देखना यह कि इन प्रदेशों के स्थानीय युवा कितनी जल्दी इस खेल के पारंगत होते हैं और अपनी पहचान बनाते हैं।

 

Share

Recent Posts

जीआईटीएम गुरुग्राम ने उत्तर भारत में शीर्ष प्लेसमेंट अवार्ड अपने नाम किया

नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…

March 19, 2024

बिहार के नींव डालने वाले महापुरुषों के विचारों पर चल कर पुनर्स्थापित होगा मगध साम्राज्य।

इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…

March 12, 2024

BPSC : शिक्षक भर्ती का आवेदन अब 19 तक, बिहार लोक सेवा आयोग ने 22 तक का दिया विकल्प

अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

July 17, 2023

जियो ने दिल्ली के बाद नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ट्रू5जी सर्विस शुरु की

पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना

November 18, 2022

KBC 14: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कौन थे, जिन्होंने इंग्लैंड में भारत को अंतिम बार एक टेस्ट सीरीज जिताया था?

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…

September 23, 2022