झांसी | समाजवादी पार्टी(SP) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को झांसी से 30 किलोमीटर दूर ग्राम करगुआ खुर्द में पुष्पेन्द्र के परिजनों से मुलाकत की। अखिलेश ने परिवार वालों से कहा कि वह संघर्ष करेंगे और उन्हें न्याय दिलाएंगे।
अखिलेश ने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा, “किसी को भी पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं है। झांसी का पुलिस प्रशासन जो घटनाक्रम बता रहा है, उससे कोई संतुष्ट नहीं है। परिवार को भी उस पर भरोसा नहीं है। क्योंकि यह एनकाउंटर नहीं हत्या है। इसके खिलाफ हम संघर्ष करेंगे और इन्हें न्याय दिलाएंगे।”
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी उनके दु:ख में शामिल है और उनका साथ देगी। यादव इस बात से बहुत आक्रोशित थे कि पुलिस निर्दोषों की हत्या कर रही है, कानून के रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं, और जनता के नागरिक अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री हैं, वहां जनता को न्याय न मिले तो ताज्जुब है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “मानवाधिकार आयोग ने सबसे ज्यादा नोटिस उप्र सरकार को दी है। हवालात में मौतें यहीं सबसे ज्यादा हुई हैं। कानून-व्यवस्था ध्वस्त है। मृतक और उसके शोकाकुल परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए उठ रही आवाजों को कहां तक दबाएगी सरकार?”
अखिलेश ने कहा, “हमारी पार्टी की मांग है कि आरोपी एसओ पर 302 का केस दर्ज किया जाए। घटना की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराई जाए। जिसने हत्या की उसे जेल भेजा जाए। पुलिस दोषी है।”
इस बीच, एडीजी (कानून-व्यवस्था) पी.वी. रामशास्त्री ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि “पूरे प्रकरण की निष्पक्ष विवेचना हो रही है। डीजीपी मुख्यालय से दो अलग-अलग मुकदमों की जांच की मनिटरिंग की जा रही है। पीड़ित पक्ष के आरोपों को भी विवेचना में शामिल किया गया है। परिवार के किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग किए जाने पर विचार होगा।” उन्होंने कहा कि पुष्पेंद्र यादव पर पांच मुकदमे दर्ज थे।
ज्ञात हो कि झांसी पुलिस के अनुसार, शनिवार रात बालू खनन में शामिल पुष्पेंद्र ने कानपुर-झांसी राजमार्ग पर मोंठ के थानाध्यक्ष धर्मेद्र सिंह चौहान पर फायर कर उनकी कार लूट ली थी। हमले में इंस्पेक्टर धर्मेद्र के चेहरे पर फायर बर्न के निशान मिले थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पुलिस ने उसी रात नाकेबंदी कर पुष्पेंद्र को गुरसरांय थाना इलाके में फरीदा के पास मुठभेड़ में मार गिराया था। उस वक्त पुष्पेंद्र के साथ दो और लोग थे, लेकिन वे फरार हो गए।
रविवार को पुष्पेंद्र यादव, विपिन, रविंद्र के खिलाफ मोंठ और गुरसरांय थाने में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए। जबकि इससे पहले पुष्पेंद्र पर कोई मामला दर्ज नहीं होने का दावा किया गया।
This post was last modified on October 10, 2019 10:09 AM
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