नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्तवर्ष 2020-21 के आरंभिक आठ महीने में बढ़कर 10.75 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो वित्तवर्ष के बजटीय अनुमान का 135.1 फीसदी है। कोरोना के कहर के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने के कारण केंद्र सरकार के राजस्व में गिरावट के चलते राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी हुई है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2020 तक केंद्र सरकार की राजस्व प्राप्तियां 8,30,851 करोड़ रुपये थीं, जो वित्तवर्ष 2020-21 के बजटीय अनुमान की कुल प्राप्तियों का 37 फीसदी है। इसमें 6,88,430 करोड़ रुपये कर राजस्व, 1,24,280 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व और 18,141 करोड़ रुपये गैर-कर्ज पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।
वहीं, भारत सरकार का कुल व्यय 19,06,358 करोड़ रुपये रहा, जो पूरे वित्तवर्ष के बजटीय अनुमान का 63 फीसदी है। इसमें 16,65,200 करोड़ रुपये राजस्व खाता व्यय और 2,41,158 करोड़ रुपये पूंजीगत खाता व्यय शामिल हैं। कुल राजस्व व्यय में 3,83,425 करोड़ रुपये ब्याज के भुगतान पर और 2,02,119 करोड़ रुपये प्रमुख अनुदानों पर है।
इस प्रकार, नवंबर के आखिर में कुल राजकोषीय घाटा 10,75,507 करोड़ रुपये है, जो वित्तवर्ष के बजटीय अनुमान का 135.1 फीसदी है। जबकि पिछले वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान नवंबर के आखिर में राजकोषीय घाटा बजटीय अनुमान का 114.8 फीसदी था।
केंद्र सरकार ने इस साल बजट में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 फीसदी आंका गया था।
–आईएएनएस
पीएमजे/एसजीके
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