नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)| दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ मंच साझा करते हुए भारती एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने सोमवार को दूरसंचार क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने वाले मुद्दों को रेखांकित किया। इस दौरान मित्तल ने कहा कि उच्च पूंजी व्यय और राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) से संबंधित मुद्दों ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए बाधाएं पैदा की हैं।
मित्तल इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2019 (आईएमसी) के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि संकट के बावजूद बाजार तीन कंपनियों के साथ बहुत टिकाऊं है, जिनके पास समान बाजार हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा कि भारत में दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा वार्षिक पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) कंपनी के राजस्व वैश्विक औसत 20 फीसदी की तुलना में लगभग 34 फीसदी है।
भारती एंटरप्राइजेज, प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल की मातृ कंपनी है।
मित्तल ने कहा, “भारत में लगभग 34 फीसदी (टेलीकॉम पर) खर्च किया जाता है। एयरटेल ने पिछले साल अपने राजस्व का 40 फीसदी खर्च किया था।”
इस अवसर पर उन्होंने स्पेक्ट्रम की कीमतों के बारे में भी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा स्पेक्ट्रम की मौजूदा आधार कीमतें वैश्विक कीमतों से काफी अधिक हैं।
मित्तल ने सरकार से बेहतर विनियामक वातावरण बनाने और व्यापार करने में और अधिक आसानी प्रदान करने का भी आग्रह किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों की भी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए निवेश करना चाहिए। मित्तल ने कहा कि उन्हें कैपेक्स में कमी की दिशा में भी काम करना चाहिए।
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