महज 40 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। भारत रत्न से सम्मानित राजीव गांधी को कई मायनों में याद किया जाता है। राजनीति में रुचि न होने के बावजूद भी मां के सहयोग के लिए राजनीती में आने और बाद में देश के प्रधानमंत्री बने।
शुरूआती जीवन और करियर
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के पुत्र थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पहले शिव निकेतन स्कूल, देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल और दून स्कूल से की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए 1961 में लंदन चले गए। वहां के कैम्ब्रिज से इंजिनीरिंग की, लेकिन डिग्री प्राप्त नहीं की। लंदन के ही इम्पीरियल कॉलेज से 1966 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कोर्स किया। हालांकि कोर्स भी अधूरे में छोड़ दिया। इसके बाद जब 1966 में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी तो वह भारत वापस आ गए। उन्होंने दिल्ली के फ्लाइंग क्लब से पायलट की ट्रेनिंग ली और 1970 में इंडियन एयरलाइन्स में पायलट के तौर पर काम करने लगे। वर्ष 1968 में उन्होंने सोनिया गांधी से शादी कर ली।
जैसा कि पहले बताया राजीव गांधी को राजनीति में दिलचस्पी नहीं थी। वह अपने पायलट के करियर से काफी खुश थे। लेकिन उनके जीवन में बड़ा मोड़ तब आया जब उनके छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई दुर्घटना में मौत हो गई। 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी का सहयोग देने के लिए उन्होंने राजनीति में एंट्री की।
उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1981 में की। वह संजय गांधी की लोकसभा सीट अमेठी से सांसद बने। इसके बाद 1983 में कांग्रेस के महासचिव नियुक्त किए गए। 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। इसके बाद 1985 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई और देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। कहा जाता है उनकी जीत के पीछे मुख्य कारण उनका आधुनिक दृष्टिकोण और युवा उत्साह था।
राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। अपने शासन काल में उन्होंने कई प्रमुख काम किए। वह ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिसने लोकतंत्र को सत्ता के दलालों से मुक्त कराने की बात की। साथ ही उन्होंने सबसे पहले देश को एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में ‘इक्कीसवी सदी की ओर’ ले जाने का नारा दिया। जिस वजह से वह सभी के द्वारा काफी पसंद किए गए। उन्होंने ही नई शिक्षा नीति की घोषणा, कई नए आयोगों का गठन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को नई गति देने जैसे कई काम किए। राजीव गांधी ने ही ‘टेक्नोलॉजी मिशन’ को एक संस्थागत प्रणाली के रूप में पहचान दिलाई।
देश में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने, दूरसंचार, कम्प्यूटर में क्रांति और युवाओं को 18 साल में मताधिकार की शुरुआत राजीव गांधी ने ही की। आज भारत के इतने आगे बढ़ने का काफी श्रेय राजीव गांधी के इन प्रयासों को जाता है।
राजीव गांधी की हत्या
21 मई 1991 को रात 10 बजकर 21 मिनट पर तमिलनाडु के श्रीपेरमबदूर में हुए बम विस्फोट में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। राजीव गांधी वहां आम चुनाव के प्रचार के लिए पहुंचे हुए थे। यह हमला आतंकी संगठन लिट्टे (Liberation Tigers of Tamil Eelam) द्वारा कराया गया था।
धमाके के समय मंच पर राजीव गांधी के सम्मान में एक गीत गाया जा रहा था। हमला धनु नाम की महिला ने किया था उसने राजीव गांधी के पैर छूने के बाद खुद को बम से उड़ा लिया। राजीव गांधी की हत्या के इरादे से किए गए इस हमले में 14 और लोगों की जान गई थी।
This post was last modified on August 19, 2019 4:30 PM
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