नई दिल्ली: मुस्लिम समुदाय के पाक महीने रमजान (Ramzan) का आगाज होने ही वाला है। भारत के अलग-अलग हिस्सों में चांद के दीदार की कोशिशें चल रही है। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक नवां महीना रमजान का होता है। रमजान के पूरे मास मुस्लिम समुदाय निर्जल और निराहार रहकर रोजा (उपवास) रखते हैं। मुस्लिम समाज के लिए रमजान का महिना बहुत अहमियत रखता है। यह बरकतों, रहमतों का महीना माना जाता है। पूरे माह इस्लाम को मानने वाले लोग अल्लाह की इबादत (Worship) करते हैं, नमाज अदा करते हैं और कुरान पढ़ते हैं।
हर साल चांद (Moon) का दीदार करने के बाद रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत होती है. लोगों को रमजान के चांद का बेसब्री से इंतजार रहता है। कोरोना काल के बावजूद बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के चेहरों पर रमजान की खुशियां मुस्कान बनकर खिल रही है। हालांकि इस बार भी कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronavirus Outbreak) के चलते सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) और नाईट कर्फ्यू और कहीं कहीं लॉकडाउन (Lockdown) जैसे प्रतिबंध लगे है, जो रमजान के रोजे से लेकर ईद की खुशियों पर काले बादल की तरह है।
इस्लाम में रमजान के पाक माह में हर हैसियतमंद मुसलमान को जकात देना जरूरी बताया गया है। पूरे साल की आमदनी से जो बचत होती है, उसका 2.5 फीसदी हिस्सा किसी गरीब या जरूरतमंद को दान दिया जाता है, जिसे ‘जकात’ कहते हैं।
This post was last modified on April 13, 2021 10:47 AM
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