Sushant Singh Rajput Suicide Case: सुशांत सिंह राजपूत के पिता के.के. सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को एक जवाबी हलफनामे में सूचित किया है कि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने पहले ही मामले से जुड़े गवाहों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है और सीबीआई जांच पर भी यू-टर्न ले लिया है।
सिंह ने कहा कि रिया के बारे में मेल एक सवाल उठाता है कि अगर ईमेल को सिद्धार्थ पिठानी द्वारा मुंबई पुलिस को भेजा गया था, तो वही मेल संभावित गवाह द्वारा रिया के साथ क्यों साझा किया गया, जो इस मामले में एक प्रमुख संदिग्ध है।
अधिवक्ता नितिन सलूजा के माध्यम से दायर हलफनामा में कहा गया, “ईमेल को एफआईआर दर्ज होने और मामले को ट्रांसफर करने संबंधी याचिका दाखिल होने से एक दिन पहले भेजा गया है और इस प्रकार उक्त ईमेल संभावित गवाह से याचिकाकर्ता (रिया) द्वारा खरीदा मालूम पड़ता है, जिससे लगता है कि वह पहले से ही उनके (रिया) प्रभाव में है।”
सिंह ने जवाब में कहा कि रिया को भी सीबीआई जांच चाहिए थी फिर वह इस पर सहमत क्यों नहीं हो रही है। “इसके अलावा, जैसा कि याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता (रिया) ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री से सीबीआई जांच के लिए अनुरोध किया था और अब जब से प्रतिवादी नंबर 1 (बिहार सरकार) ने सीबीआई को उपरोक्त एफआईआर सौंपी है भारत सरकार ने प्रतिवादी संख्या 1 के उक्त अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, याचिकाकर्ता को इस संबंध में कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।”
सिंह ने जोर देकर कहा कि रिया वर्तमान ट्रांसफर याचिका को लेकर अपने शब्दों से बंधी है। हलफनामे में कहा गया है कि “अब ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता ने सीबीआई द्वारा की जा रही जांच के खिलाफ पूरा यू-टर्न ले लिया है।”
सिंह ने पटना मामले को मुंबई ट्रांसफर करने की रिया की याचिका का भी विरोध किया और जोर देकर कहा कि अधिकार क्षेत्र का सवाल ट्रायल के दौरान आता है न कि जांच के चरण में।
सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुंबई पुलिस ने एक पिता की भावनाओं को नहीं समझा जो पटना में रहता है और जिसके पास पर्याप्त सबूत है और पूरा यकीन है कि 1 साल से अधिक समय तक रिया की आपराधिक गतिविधियों के कारण है ही उसके इकलौते बेटे की मौत हुई है।
मुंबई पुलिस को निशाने पर लेते हुए सिंह ने कहा कि यह उल्लेख करना उचित है कि मुंबई में दिनांक 25-05-2020 क्वारंटीन के दिशानिदेशरें के अनुसार एक व्यक्ति जो कार्यालय में कार्य के लिए मुंबई में आता है, उसे नगरपालिका द्वारा क्वारंटीन में रहने से चूट दू जा सकती है।
“हालांकि, प्रतिवादी संख्या 3 (मुंबई पुलिस) ने पटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को संस्थागत क्वारंटीन के तहत रखा, जो मुंबई में क्वारंटीन के दिशानिर्देशों के विपरीत है।”
This post was last modified on August 8, 2020 3:15 PM
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