प्रयागराज, 18 जून (आईएएनएस)| अयोध्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा हमले की साजिश रचे जाने के चौदह साल बाद मंगलवार को यहां की एक विशेष अदालत ने चार आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
एक आरोपी मोहम्मद अजीज को पर्याप्त सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया।
अदालत ने इसके अलावा दोषी ठहराए गए-आसिफ इकबाल, मोहम्मद शकील, इरफान और मोहम्मद नसीम पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
सभी आरोपी फिलहाल प्रयागराज के नैनी केंद्रीय कारागार में बंद हैं।
5 जुलाई, 2005 को एक आतंकवादी ने अस्थायी राम मंदिर के सुरक्षाचक्र को भेदकर आत्मघाती हमला करने की कोशिश की थी।
पांच आतंकवादियों ने ‘सीता रसोई’ पर हमला करने का प्रयास किया था और घटनास्थल के पास एक जीप में विस्फोट कर दिया था।
एक घंटे तक चली गोलीबारी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने पांचों आतंकवादियों को ढेर कर दिया था, जबकि दो नागरिक रमेश पांडेय और शांति देवी भी गोलीबारी में मारे गए थे।
मुठभेड़ में सीआरपीएफ के सात कर्मी घायल हुए थे, जिनमें से तीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
फैसला सुनाते हुए, विशेष न्यायाधीश दिनेश चंद ने कहा कि जिन्होंने 2005 के हमले को अंजाम देने के लिए साजिश रची थी, वे भी इस घटना को वास्तव में अंजाम देने की कोशिश करने के बराबर दोषी हैं।
पांचों आरोपियों की घटना में संलिप्तता का पता मोबाइल सर्विलांस से लगा था।
इनमें से उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले इरफान को 22 जुलाई, 2005 और जबकि अन्य आरोपी जो कि जम्मू एवं कश्मीर के पूंछ के रहने वाले थे, उन्हें 28 जुलाई 2005 को गिरफ्तार किया गया था।
चारों दोषियों ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को लॉजिस्टिक और सामग्रियों की सहायता पहुंचाई थी।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…