इस्लामाबाद, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के टेलीविजन चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर प्रसारित भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली को खारिज कर दिया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सोमवार को, आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता आमिर अजीज अंसारी और उनके वकील न्यायालय प्रश्नों का संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे कि भाषणों ने मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कैसे किया।
लिखित आदेश में कहा गया है, “राजनीतिक सामग्री से जुड़े मामलों में हाईकोर्ट के संवैधानिक क्षेत्राधिकार को लागू करने की प्रवृत्ति निश्चित रूप से सार्वजनिक हित में नहीं है और वह भी तब जब कानून वैकल्पिक उपायों के लिए प्रावधान करता है।”
इसने कहा, “पाकिस्तान की सुरक्षा विफल नहीं है और न ही केवल राजनीतिक बयानबाजी से खतरा हो सकता है।”
याचिका में, अजीज ने कहा था कि अपने हालिया भाषणों के दौरान सजायाफ्ता पूर्व प्रधानमंत्री ने, विशेष रूप से 20 सितंबर को सभी दलों के सम्मेलन के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधन में देश के संस्थानों को बदनाम कर दिया और दोषी के भाषण को प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
उन्होंने दलील में यह भी कहा था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो एक सजायाफ्ता अपराधी है और वह मीडिया से बात नहीं कर सकते हैं।
22 सितंबर को पेमरा ने फरार या घोषित अपराधियों के किसी भी भाषण, साक्षात्कार या सार्वजनिक संबोधन के प्रसारण और विद्रोह पर प्रतिबंध लगा दिया है।
–आईएएनएस
वीएवी/एसजीके
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