नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| ऋणशोधन अक्षमता और दिवालिया कोड (आईबीसी) की जांच-पड़ताल करने वाली समिति ने सीमापार दिवालिया से संबंधित मसलों का समाधान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून आयोग (यूएनसीआईटीआरएएल) के सीमापार दिवालिया मॉडल कानून को अपनाने की सिफारिश की है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा गठित दिवालिया कानून समिति ने कुछ परिवर्तन की भी अनुशंसा की है कि जिससे घरेलू दिवालिया फ्रेमवर्क और प्रस्तावित सीमापार दिवालिया फ्रेमवर्क में असंगति न रहे।
समिति ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
यूएनसीआईटीआरएएल मॉडल कानून को करीब 44 देशों ने स्वीकार किया है। इस कानून के तहत स्वतंत्र दिवालिया कानून का एकीकरण करने का प्रयास करने के बजाय प्राधिकार प्रदान करने के साथ-साथ न्यायाधिकार क्षेत्रों के बीच सहयोग व समन्वय को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया गया है।
सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मॉडल कानून का लाभ यह है कि इसमें घरेलू कार्यवाही और जनहित की रक्षा को वरीयता प्रदान की गई है। साथ ही, इससे विदेशी निवेशकों में ज्यादा विश्वास पैदा होगा और घरेलू दिवालिया कानून के साथ निर्बाध एकीकरण के लिए इसमें पर्याप्त लचीलापन है। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए मजबूत तंत्र का निर्माण होगा।
बयान के अनुसार, आईबीसी के तहत सीमापार दिवालिया फ्रेमवर्क की जरूरत है क्योंकि कई भारतीय कंपनियों का विदेशों में भी कारोबार है। इसी प्रकार, अनेक विदेशी कंपनियां भारत समेत बहुत सारे देशों में अपना कारोबार कर रही हैं।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…