नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गहरे संकट में फंस गई है। कांग्रेस से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां मंगलवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात करने उनके सात कल्याण मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। सिंधिया इससे पहले भी सोमवार को मोदी से मिल चुके हैं। माना जा रहा है कि मंगलवार की मुलाकात में तीनों नेताओं के बीच सिंधिया के भाजपा में शामिल होने की सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। सूत्रों के मुताबिक सिंधिया भाजपा दफ्तर में देर शाम पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
भाजपा में शामिल होते ही देर शाम भाजपा दफ्तर में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी, जिसमें सिंधिया को मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाएगा।
इस बैठक के ठीक बाद भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश विधायक दल के नेता चुने जाने की औपचारिकता पूरी की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया को भाजपा कैबिनेट मंत्री भी बना सकती है। इसके अलावा सिंधिया समर्थक विधायकों को भी मध्य प्रदेश कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
मध्य प्रदेश के 17 विधायक सोमवार की सुबह से लापता हैं और सभी के फोन बंद है। इसके बाद से सरकार पर संकट मंडराने लगा है। यह सभी विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। इन विधायकों के फैसले पर ही सरकार का भविष्य टिका हुआ है।
वर्तमान विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है राज्य में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है। राज्य की 230 सीटों में से 228 विधायक हैं और दो सीटें खाली हैं। कांग्रेस के 114 और भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार निर्दलीय चार, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन से चल रही है।
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