मिर्जापुर, 19 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को शुक्रवार को मिर्जापुर जिला प्रशासन ने सोनभद्र जाते समय हिरासत में ले लिया।
प्रियंका सोनभद्र में हुए नरसंहार के पीड़ितों से मिलने उनके गांव जा रही थीं। प्रियंका और वाराणसी से लोकसभा उम्मीदवार रहे अजय राय को मिर्जापुर सीमा के करीब नारायणपुर में हिसालत में लेकर चुनार किले में स्थित सरकारी गेस्ट हाउस ले जाया गया। पुलिस ने हालांकि प्रियंका को हिरासत में लिए जाने की खबरों का खंडन किया है।
प्रियंका शुक्रवार सुबह हवाई मार्ग से वाराणसी पहुंचीं। बाबतपुर स्थित हवाई अड्डे से वह सीझे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में स्थित ट्रामा सेंटर गईं और घायलों से मुलाकात की।
इसके बाद जैसे ही प्रियंका का काफिला मिर्जापुर के रास्ते सोनभद्र के लिए रवाना हुआ, वैसे ही नारायणपुर के पास उनको रोक दिया गया। रोकने के विरोध में प्रियंका और कांग्रेसी नेता मौके पर ही धरने पर बैठ गए।
प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने के दौरान डीएम वाराणसी और एसएसपी वाराणसी मौके पर पहुंच गए। मिजार्पुर जिले के चुनार के एसडीएम प्रियंका को अपनी गाड़ी में बैठा कर चुनार ले गए। वहीं, अजय राय को सीओ अपनी गाड़ी में बैठा कर चुनार ले गए।
प्रियंका गांधी और अजय राय को चुनार किले के गेस्ट हाउस में छोड़ दिया गया।
काफिला रोके जाने पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह तो बस सोनभद्र फायरिंग मामले में पीड़ितों के परिवारवालों से मिलना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ सिर्फ 4 लोग ही जाएंगे। फिर भी प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया।
ऐसे में प्रियंका गांधी ने सवाल किया, “हमें क्यों रोका जा रहा है, इसका कारण बताया जाए? हम यहां शांति से बैठे रहेंगे।”
इससे पहले, कांग्रेस महासचिव बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंची थी। उनके पहुंचने से पहले ट्रामा सेंटर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
प्रियंका के हिरासत में होने की खबर मिलने के तुरंत बाद ही कांग्रेसी नेताओं ने लखनऊ में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दे दिया।
कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की हरकत जासूस की तरह है।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व प्रियंका गांधी के भाई राहुल गांधी ने उनकी नजरबंदी को ‘परेशान करने वाली’ घटना करार दिया।
राहुल ने ट्वीट किया, “सत्ता द्वारा मनमाने तरीके से उन्हें मारे गए 10 लोगों के परिवार से मिलने से रोकना इस बात का संकेत देता है कि भाजपा सरकार के अंदर उत्तर प्रदेश में असुरक्षा की भावना जन्म ले रही है।”
गौरतलब है कि सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में भूमि विवाद को लेकर हुई गोलीबारी के बाद खुफिया एजेंसी से जिला प्रशासन को इनपुट मिला है, कि कुछ नेता घटनास्थल पर पहुंचकर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास करने वाले हैं। इसको देखते हुए डीएम ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है।
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