नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि एक समय था जब हमारे अपने लड़ाकू विमान तेजस को फाइलों में बंद करने की नौबत आ गई थी, लेकिन उनकी सरकार ने इसे पुनर्जीवित किया और आज तेजस शान से आसमान में उड़ान भर रहा है।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को रक्षा क्षेत्र में केंद्रीय बजट प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, अब भारत अपनी क्षमताओं और समर्थता को तेज गति से बढ़ाने में जुटा है। एक समय था जब हमारे अपने लड़ाकू विमान तेजस को फाइलों में बंद करने की नौबत आ गई थी, लेकिन हमारी सरकार ने अपने इंजीनियरों-वैज्ञानिकों और तेजस की क्षमताओं पर भरोसा किया और आज तेजस शान से आसमान में उड़ान भर रहा है।
उन्होंने कहा कि हथियार और सैन्य उपकरण बनाने का भारत के पास सदियों पुराना अनुभव है। आजादी के पहले हमारे यहां सैकड़ों ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां होती थीं। दोनों विश्व युद्धों में भारत से बड़े पैमाने पर हथियार बनाकर भेजे गए थे। लेकिन आजादी के बाद अनेक वजहों से इस व्यवस्था को उतना मजबूत नहीं किया गया, जितना किया जाना चाहिए था। हालत ये है कि छोटे हथियारों के लिए भी हमें दूसरे देशों की तरफ देखना पड़ता है। आज भारत विश्व के सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से है और ये कोई बड़े गौरव की बात नहीं है। ऐसा नहीं है कि भारत के लोगों में टैलेंट नहीं है। ऐसा नहीं है कि भारत के लोगों में सामथ्र्य नहीं है।
भारत के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, नवोन्मेषकों और शोधकर्ताओं पर विश्वास व्यक्त करते हुए, मोदी ने कहा कि देश अब आयात पर निर्भरता के परि²श्य को बदलने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ सप्ताह पहले ही तेजस के लिए 48 हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया गया है, जिससे एमएसएमई क्षेत्र को काफी फायदा होगा।
सरकार ने भारतीय वायुसेना को 73 एमके-1ए तेजस जेट्स और 10 एमके-1 ट्रेनर विमानों की आपूर्ति के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 48,000 करोड़ रुपये का ठेका दिया है।
प्रधानमंत्री ने 2024 तक आयात के लिए 100 वस्तुओं पर प्रतिबंध की भी बात की।
आप ये भी जानते हैं कि भारत ने डिफेंस से जुड़े ऐसे 100 महत्वपूर्ण डिफेंस आइटम्स की लिस्ट बनाई है, जिसे निगेटिव लिस्ट कहते हैं जिन्हें हम अपनी स्थानीय इंडस्ट्री की मदद से ही मैन्यूफैक्च र कर सकते हैं। इसके लिए टाइमलाइन इसलिए रखी गई है, ताकि हमारी इंडस्ट्री इन जरूरतों को पूरा करने का सामथ्र्य हासिल करने के लिए प्लान कर सकें।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने आयात एम्बार्गो के लिए 100 वस्तुओं की एक सूची बनाई है और यह हमें आत्मानिर्भर बनाता है, क्योंकि हमारी विनिर्माण क्षमता में सुधार होगा और अन्य देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी और रोजगार सृजन होगा।
मोदी ने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र के बिना 21वीं सदी का रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र खड़ा नहीं हो सकता है।
–आईएएनएस
एकेके/एएनएम
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