कहते हैं मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। कुछ यही बात ओडिशा के निवासी मुक्तिकांत विस्वाल पर बिल्कुल सही बैठती है। दरअसल ओडिशा के रहनेवाले 31 वर्षीय मूर्तिकार मुक्तिकांत विस्वाल साल 2018 में उस वक्त राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे जब वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने की कोशिश में 71 दिनों तक करीब 1350 किलोमीटर की पैदल यात्रा की थी।
लेकिन, बिस्वाल दिल्ली पहुंचने से पहले ही हाईवे पर बेहोश होकर गिर गए। उन्हें उत्तर प्रदेश के आगरा में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने के बाद पीएम मोदी से मिलने की उनकी कोशिश असफल रही। अब, मुक्तिकांत बिस्वाल को कांग्रेस ने राउरकेला से विधानसभा का उम्मीदवार बनाया है।
राहुल गांधी ने उस समय मुक्तिकांत विस्वाल के अभियान की जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल किया था। राहुल गांधी ने कहा था कि देश के लोग और कांग्रेस पार्टी इस वादे को पूरा करेगी। राहुल गांधी ने लिखा, ‘पीएम ने 3 साल पहले राउरकेला में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने का वादा किया था। अब मुक्तिकांत 1300 किमी चलकर दिल्ली पहुंचे हैं, क्योंकि पीएम ने वादा पूरा नहीं किया और लोग मर रहे हैं।’
क्यों चर्चा में आए थे मुक्तिकांत विस्वाल
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके वादे की याद दिलाने के लिए मुक्तिकांत विस्वाल ने 1350 किलोमीटर का सफर तय किया था। ओडि़शा के निवासी मुक्तिकांत बिस्वाल 71 दिनों की यात्रा के बाद ओडिशा से दिल्ली तक का सफर तय किया था।
बिस्वाल का कहना था के पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 अप्रैल 2015 को राउरकेला में रैली के दौरान ये वादा किया था कि वो इलाके के इस्पात जनरल अस्पताल को सुपर मल्टी स्पैशिलिटी अस्पताल में बदलेंगे। इसके अलावा इलाके की ब्राहम्णी नदी पर जर्जर पुल की जगह नया पुल बनवाएंगे। लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। मुक्तिकांत का कहना था के अगर राउरकेला को एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मिल गया तो आसपास के सभी जिलों के हजारों- लाखों लोगों की जिंदगी बदल जाएगी।
मुक्तिकांत का कहना था के उन्होंने पिछले 1 साल से प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय को कई चिट्ठियां लिखीं लेकिन एक भी चिट्ठी का जवाब नहीं आया। वह अपने स्थानीय भाजपा विधायक और इलाके के सांसद जुएल राम से भी मिले लेकिन किसी ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। मुक्तिकांत का आरोप था के जब वह अपने सांसद से मिले तो उन्होंने मुझ पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
मुक्तिकांत ने 16 अप्रैल 2018 को राउरकेला से दिल्ली का सफर शुरू किया था और 27 जून को वह दिल्ली पहुंचे थे। इस दौरान मुक्तिकांत बीमार भी पड़े और उन्हें आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 30 साल के मुक्तिकांत बिस्वाल पेशे से मूर्तिकार हैं।
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