नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)| क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्डस क्रिकेट मैदान में आयोजित पहले स्ट्रीट चाइल्ड क्रिकेट विश्व कप में हिस्सा लेने पहुंचे उत्तर भारत के बच्चों ने स्वास्थ्य, शिक्षा और लैंगिक समानता की दिशा में कदम उठाने की सरकारों से मांग की है।
दुनियाभर के सड़क पर पलने वाले बच्चों के प्रति बनी नकारात्मक धारणा को चुनौती देने और इस समस्या के समाधान की तरफ लोगों को आकर्षित करने के उद्देश्य से इस स्ट्रीट चाइल्ड क्रिकेट विश्व कप का आयोजन किया गया।
इन बच्चों को लॉर्डस के उसी मैदान पर खेलने का मौका मिला, जहां आगामी आईसीसी क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत होगी। इसमें भाग लेने वाली टीमों को पवेलियन में जाने और लॉन्ग रूम में प्रेजेंटेशन का भी मौका दिया गया।
जनरल असेंबली के दौरान टीम इंडिया नॉर्थ ने कहा, “हमारे पास पहचान और लैंगिक समानता नहीं है। शिक्षा और स्वास्थ्य तक हमारी बेहतर पहुंच नहीं है। किसी बच्चे को अपने खाने के लिए काम करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। हम सरकार से अपील करते हैं कि इन मुद्दों पर काम करे और सुनिश्चित करे कि सभी बच्चों को ये अधिकार मिलें।”
भारत ने इस विश्व कप में दो टीमें भेजीं। नॉर्थ इंडिया की टीम ने क्षेत्ररक्षण में शानदार प्रदर्शन किया। इसके खिलाड़ी आयुष्मान को टूर्नामेंट में बेस्ट फील्डर का पुरस्कार दिया गया। वहीं टीम साउथ इंडिया ने टूर्नामेंट जीतकर विश्व कप अपने नाम किया।
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