नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)| अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को 19 फीसदी की वृद्धि के साथ, भारत में वाहनों के ईंधन- पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें पहले से ही उच्च स्तर पर होने के कारण फिलहाल उपभोक्ताओं के अत्यधिक प्रभावित होने की संभावना नहीं है।
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में एक बार फिर उबाल आया है, जब सऊदी अरामको के दो सबसे बड़े तेल प्रसंस्करण संयंत्रों पर हुए ड्रोन हमलों से कच्चे तेल का उत्पदान इतने बड़े पैमाने पर पहली बार प्रभावित हुआ है।
अबक्विक औक खुरैस संयंत्रों पर हुए हमलों के कारण 57 लाख बैरल उत्पादन प्रभावित हुआ, जो अरामको का 50 फीसदी तेल उत्पादन है। इसके कारण कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में सोमवार को 19 फीसदी की वृद्धि हुई, जो 71 डॉलर प्रति बैरल (एक बैरल में 159 लीटर होते हैं) तक पहुंच गई, जबकि पहले यह 60 डॉलर प्रति बैरल थी।
सूत्रों का कहना है कि अगले महीने तीन राज्यों – महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार पेट्रोल-डीजल के मूल्य बढ़ाने का जोखिम नहीं लेगी।
इसलिए, ऐसा प्रतीत होता है कि अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर दैनिक आधार पर संशोधित करने वाले पेट्रोलियम उत्पादों के बाजार-निर्धारित खुदरा मूल्य निर्धारण की अपनी नीति को फिलहाल सरकार विराम दे देगी।
सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने सरकारी तेल कंपनियों से कहा है कि वे तेल की कीमतों को फिलहाल काबू में रखें।
सूत्रों ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों को हालांकि इस संबंध में कोई लिखिल आदेश नहीं दिया गया है, लेकिन इसमें सरकार की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है और सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी नियंत्रण का इस्तेमाल किया है कि उपभोक्ताओं को पेट्रोलियम पदार्थो की असामान्य से ऊंची कीमत का भुगतान न करना पड़े।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…